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Union Budget 2024-25: बजट को समझने से पहले समझे ये Financial Terms, बजट भाषण में कई बार आता है यह शब्द

यूनियन बजट पर आम जनता का फोकस रहता है। वह जानना चाहते हैं कि क्या चीज कितनी महंगी हुई है और सरकार उनके कल्याण के लिए कौन-से योजना लाने वाली है। ऐसे में बजट भाषण में कई फाइनेंशियल टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह टर्म्स आम जनता को समझने में कठिन लगता है। आइए इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही बजट टर्म्स के अर्थ के बारे में जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariPublished: Wed, 10 Jan 2024 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2024 06:50 PM (IST)
बजट को समझने से पहले समझे ये Financial Terms,

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 1 फरवरी 2024 को केंद्र वित्त मंत्री बजट पेश करेगी। यह अंतरिम बजट होगा। दरअसल, इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव के परिणामों के बाद नई सरकार यूनियन बजट पेश करेगी। सरकार द्वारा पेश किये गए बजट पर बड़े कोराबरी से लेकर आम जनता का भी फोकस होता है।

दरअसल, बजट में सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष की प्लानिंग के बारे में बताते हैं। ऐसे में आम जनता जानना चाहते हैं कि सरकार उनके लिए कौन-से स्कीम का ऐलान करेगी या फिर कौन-सी वस्तु महंगी होगी।

बजट के भाषण में कई फाइनेंशियल टर्म्स का (Financial Terms) इस्तेमाल किया जाता है। इन टर्म्स को आम जनता नहीं समझ पाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही फाइनेंशियल टर्म्स के अर्थ के बारे में बताएंगे जिससे आप आसानी से बजट को समझ पाएंगे।

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कैपिटल बजट

कैपिटल बजट (Capital Budget) में सरकार सभी एसेट और उनकी देनदारियों के बारे में बताते हैं। इसे दो हिस्सों में बांटा जाता है। पहला होता है कैपिटल रिसीप्ट (Capital Receipt), इसमें इंटरेस्ट पेमेंट के साथ ही सरकार के एसेट्स के डेट पेमेंट्स भी होते हैं।

दूसरा होता है कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure), इसमें सरकार द्वारा कुल खर्च राशि का ब्यौरा होता है जो सरकार इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए एसेट खरीदती है।

फिस्कल डेफिसिट

फिस्कल डेफिसिट (Fiscal Deficit) को राजकोषीय घाटा या वित्तीय घाटा भी कहा जाता है। इसमें सरकार वित्तीय वर्ष में कुल खर्च और कुल रेवेन्यू के अंतर के बारे में बताती है। इनके अंतर को कम करने के लिए सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से कर्ज भी लेती है।

बजट अनुमान

सरकार सभी विभाग, स्कीम और सेक्टरों को एक राशि आवंटित करती है। यह अनुमानित फंड से दिया जाता है। इस वजह से इसे बजट अनुमान किया जाता है। इसमें यह तय किया जाता है कि इस फंड का इस्तेमाल कब और कितना होगा। इसके अलावा किस अवधि में कितनी राशि खर्च की जाएगी।

रेवेन्यू बजट

सरकार के रेवेन्यू देने वाले सोर्स और रेवेन्यू के जरिये सरकार ने कितना खर्च किया है, इन सब की जानकारी रेवेन्यू बजट (Revenue Budget) में दी जाती है। इस बजट को भी दो हिस्सों में बांटा जाता है। रेवेन्यू रिसीप्टस (Revenue Receipt) में नॉन टैक्स रेवेन्यू के बारे में बताया जाता है। यानि वह राशि जो सरकार को ग्रांट, दोनेशन आदि से मिला है।

वहीं, दूसरा हिस्सा रेवेन्यू एक्सपेंडिचर (Revenue Expenditure) होता है। इसमें सरकार के परिचालनों, सर्विस डिलिवरी, कर्ज के ब्याज आदि आते हैं। इसका मतलब है कि इसमें ऐसे खर्च आते हैं जो एसेट क्रिएट नहीं करते हैं। 

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