Move to Jagran APP

Budget 2021: अपनी खास बातों के चलते यादगार बन गए देश के ये 10 आम बजट

सरकार कोरोना वायरस महामारी के बीच एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट से कई सारी उम्मीदें और संभावनाएं हैं। देशभर के आम लोगों निवेशकों और कारोबारियों की निगाहें इस बजट पर लगी हुई हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:47 AM (IST)
Budget 2021: अपनी खास बातों के चलते यादगार बन गए देश के ये 10 आम बजट
देश के 10 यादगार आम बजट P C : Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी के बीच एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट से कई सारी उम्मीदें और संभावनाएं हैं। देशभर के आम लोगों, निवेशकों और कारोबारियों की निगाहें इस बजट पर लगी हुई हैं। अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी के प्रभाव से जल्द से जल्द बाहर निकालने की दिशा में बजट 2021 में कुछ प्रावधान आ सकते हैं। बजट के साथ कई ऐतिहासिक तथ्य जुड़े होते हैं। भारत का पहला बजट 18 फरवरी 1860 को जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था। आज हम आपको उन दस बजट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी कुछ खासियतों के चलते वे यादगार बन गए।

loksabha election banner

1. 1951 में पेश हुआ बजटः यह भारतीय गणराज्य का पहला बजट था। इसे तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। इस बजट में योजना आयोग के गठन का मार्ग प्रशस्त किया गया था। जवाहर लाल नेहरू योजना आयोग के पहले अध्यक्ष थे। योजना आयोग को बाद में नरेंद्र मोदी सरकार ने नीति आयोग में बदल दिया।

2. वित्त वर्ष 1968-69 का बजट: इस बजट में 'Spouse Allowance' को खत्म करने की घोषणा की गई थी। यह भत्ता टैक्स बचाने का एक माध्यम हुआ करता था।

3. वित्त वर्ष 1969-70 का बजट: इस बजट को पेश किए जाने के बाद कुछ उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी देखी गई। इस बजट में 'Status Symbol' के रूप में देखे जाने वाले उत्पादों पर टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई थी। इस बजट में इम्पोर्टेड कारों पर ड्यूटी को 60 से बढ़ाकर 100 फीसद करने का फैसला हुआ था। 

4. 1970-71 का बजट: इस बजट को तत्कालीन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा पेश किया था। यह पहला मौका था जब किसी महिला ने आम बजट पेश किया। 

5. वित्त वर्ष 1971-72 का बजट : इस आम बजट में नकद सौदों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई व्‍यवस्‍था लागू की गई। इसका सीधा असर पर्यटकों पर देखने को मिला था। इस बजट में नकद में टिकट खरीदने पर 20 फीसद टैक्‍स का प्रावधान था। वहीं, टिकट के लिए विदेशी मुद्रा में भुगतान करने पर टैक्स में छूट दी जाती थी।

6. वित्त वर्ष 1974-75 का बजट: इस आम बजट में Income Tax Structure में सुधार हुआ था। इसके तहत आयकर और सरचार्ज को 97.75 फीसद से घटाकर 75 फीसद किया गया था।

7. वित्त वर्ष 1986-87 का बजट : कांग्रेस सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री वी पी सिंह द्वारा यह बजट पेश किया था। इस बजट से लाइसेंस राज की समाप्ति की शुरुआत हुई थी। इससे परोक्ष कर में सुधारों की शुरुआत हुई।

8. वित्त वर्ष 1991-1996 का बजट: उस समय देश की अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व संकट से गुजर रही थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने 1991 में ब्यूरोक्रेट रहे मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया था। सिंह ने अपने बजट में जबरदस्त नीतिगत बदलाव किए थे। उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जाना जाता है। सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोलने का फैसला किया था। 

9. वित्त वर्ष 2000-2001 का बजट: इस बजट को तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा पेश किया गया था। इसमें भारत को प्रमुख सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हब के रूप में दिखाया गया। इस बजट से देश में आईटी इंडस्ट्री में शानदार ग्रोथ देखने को मिली थी।

10. वित्त वर्ष 2019-20 का बजट: यह बजट मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया था। इंदिरा गांधी के बाद यह दूसरा मौका था, जब किसी महिला ने केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में साल 2024 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.