Budget 2023: इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मोदी सरकार की भारी सौगात, डेवलपमेंट कैपेक्स में की 33 फीसदी की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त सचिवालय की मदद से नव स्थापित बुनियादी ढांचे और ज्यादा निजी निवेश आकर्षित कर सकेंगे। पिछले साल 13 अक्टबूर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गति शक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया था।
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। बुनियादी ढांचे का विकास विकसित भारत के सपने को साकार करने के साथ अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिहाज से भी रामबाण साबित होगा। इस मंत्र के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फ्रा डेवलपमेंट में 33 प्रतिशत की भारी-भरकम वृद्धि के साथ इसमें सरकारी खर्च को मील के पत्थर की भांति दस लाख करोड़ के स्तर तक पहुंचाने की घोषणा की। यह कुल जीडीपी का 3.3 प्रतिशत है। सरकार ने लगातार तीसरे साल इस क्षेत्र में पूंजीगत निवेश में बड़ी बढ़ोतरी की है। इस क्षेत्र को सरकार कितना अधिक महत्व दे रही है, इसका प्रमाण यह है कि 2019-20 में किए गए कुल खर्च के मुकाबले अब लगभग तीन गुना खर्च का वादा किया गया है। इन्फ्रा पर यह खर्च सरकार के इस दृष्टिकोण का प्रमाण है कि इस खर्च के जरिये मंदी जैसी चुनौती का भी सामना होगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की जमीन भी तैयार होगी।
सरकार ने आवंटित किए थे 2 लाख करोड़
वित्त मंत्री ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के बजट में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि की है। पिछले साल मंत्रालय को लगभग दो लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसे बढ़ाकर 2.70 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि, पिछले साल संशोधित बजट के तहत मंत्रालय को 2.17 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस साल के आंवटन में सबसे बड़ा हिस्सा एनएचएआई को 1.62 लाख करोड़ रुपये के रूप में मिला है। उसके बजट में सीधे-सीधे 28 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
इन परियोजनाओं को जल्द किया जाएगा पूरा
2023-24 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नया बना संस्थान इन्फ्रास्ट्रक्चर वित्त सचिवालय इस क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने में सहयोग प्रदान करेगा। एक विशेषज्ञ समिति अमृत काल के लिए बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की मास्टर सूची की समीक्षा करेगी ताकि प्रोजेक्ट के वर्गीकरण और उनके लिए पैसा जुटाने के उपयुक्त तरीके का निर्धारण किया जा सके। पोर्ट, कोल, स्टील, फर्टिलाइजर और खाद्यान्न से संबंधित सौ अहम परियोजनाएं छांटी गई हैं, जो फर्स्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी से संबंधित हैं। इन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा और इसके लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसमें निजी क्षेत्र का योगदान 15,000 करोड़ रुपये होगा।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इन्फ्रा और उत्पादकता बढ़ाने की योजनाओं में निवेश बहुत अहम है, क्योंकि इसका कई स्तरों पर सकारात्मक असर होता है। ग्रोथ तो होती ही है, रोजगार के लिए भी यह जरूरी है। निवेश और रोजगार सृजन के इस फलदायी चक्र के उल्लेखनीय नतीजे मिले हैं।
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गौरतलब है कि 2021 में प्रधानमंत्री ने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के रूप में इन्फ्रा के लिए बेहद अहम प्रोजेक्ट का ऐलान किया था, जिसका मकसद इस क्षेत्र से संबंधित सभी विभागों और मंत्रालयों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समन्वय कायम करना है। इसी प्लान के तहत बनाए गए नेशनल प्लानिंग ग्रुप पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक के सभी प्रोजेक्ट के बारे में निर्णय लेता है।
पचास एयरपोर्ट का होगा पुनरुद्धार
वित्तमंत्री सीतारमण ने बजट भाषण में घोषणा की कि क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिवटी में सुधार लाने के लिए पचास अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट, वायर एरोड्रम और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का पुनरुद्धार किया जाएगा। मोदी सरकार हवाई कनेक्टिविटी को शुरू से प्राथमिकता दे रही है और इसी के तहत उड़ान योजना शुरू की गई है, जो छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने पर आधारित है।
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