कोरोना जैसी बीमारियों से निपटने के लिए बजट में धनराशि आवंटन बढ़ाकर सरकार ने की पुरजोर व्यवस्था
देश और दुनिया के सामने मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? कोरोना से निपटना। इस चुनौैती से निपटने के लिए सरकार ने इस बजट में पुरजोर व्यवस्था की है। बजट आवंटन तो बढ़ाया ही गया साथ पुख्ता रणनीति भी तैयार की गई है।
एजेंसियां, नई दिल्ली। देश और दुनिया के सामने मौजूदा दौर की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? कोरोना से निपटना। इस चुनौैती से निपटने के लिए सरकार ने इस बजट में पुरजोर व्यवस्था की है। बजट आवंटन तो बढ़ाया ही गया, साथ पुख्ता रणनीति भी तैयार की गई है।
भारत 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन दे रहा है
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि हमने कोविड के खिलाफ संघर्ष किया। अब हालत यह है कि हम 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन दे रहे हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा देश में कोरोना से मृत्युदर सबसे कम है।
बजट में कोरोना को लेकर भय खत्म करने की कोशिश
कोरोना को लेकर लोगों का भय दूर हो रहा है। सरकार ने बजट में यह भय और खत्म करने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि यह साल ऐतिहासिक साल होगा। हमारे पास दो वैक्सीन पहले से हैं और हम जल्द ही दो वैक्सीन और ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में तीन क्षेत्रों पर हमारा फोकस रहेगा। पहला है स्वास्थ्य और समृद्धि, दूसरा, बचाव, इलाज और अनुसंधान पर जोर और तीसरा समेकित स्वास्थ्य सूचना पोर्टल बनाना। स्वस्थ भारत हमारा मंत्र है।
टीकाकरण अभियान से लोगों में खौफ कम हुआ
टीकाकरण अभियान का श्रीगणेश होने के बाद इस चुनौती से निपटने में काफी हद तक मदद भी मिलने लगी है। लोगों में खौफ कम हुआ है। खास बात यह है कि कोरोना संक्रमण की दर भी तेजी से कम हो रही है। सक्रिय केस कम हो रहे हैं। सबसे बड़ी राहत वाली बात यह है कि मौतों की संख्या भी घट रही है।
24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,083 नए मामले सामने आए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,083 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 137 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण के अब तक कुल 1 करोड़ 7 लाख 33 हजार 131 मामले सामने आए हैं। हालांकि, इसमें से 1 करोड़ 4 लाख 9 हजार 160 लोग बिलकुल ठीक हो चुके हैं। भारत में कोरोना के सक्रिय मामले घटकर 1 लाख 69 हजार 824 रह गए हैं। देश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 1 लाख 54 हजार 147 हो गई है।
स्वास्थ्य सेवा से जुड़े आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है
लॉकडाउन जैसे उपायों का सख्ती से पालन और कोविड प्रोटोकॉल कड़ाई से लागू करने के साथ ही टीकाकरण अभियान ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन अभी हमें स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत कुछ करना है। कम से कम स्वास्थ्य सेवा से जुड़े आधारभूत ढांचे को तो मजबूत कर ही लेना है। इसी उद्देश्य के तहत इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट पिछली बार के 94 हजार 452 करोड़ के मुकाबले 2, 23, 846 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। बीते वर्ष भी स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2019-2020 के मुकाबले करीब सात हजार करोड़ रुपये ज्यादा आवंटित किए गए। वर्ष 2019-20 के बजट में सेहत लिए 62659.12 करोड़ रुपये दिए गए। हालांकि तब कोरोना जैसी किसी महामारी के आगाज के संकेत तक नहीं थे।
कोरोना ने दिखाया आईना: सरकारी अस्पतालों की बदहाली, आइसीयू की कमी, डॉक्टरों की कमी
कोरोना ने हमें आईना दिखाया कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में हम आखिर हैं कहां? सरकारी अस्पतालों की बदहाली, सघन चिकित्सा इकाईयों (आइसीयू) की कमी, नर्सो, डॉक्टरों की कमी का असली भान तो हमें कोरोना काल में हुआ। ग्रामीण इलाकों में तो हालात यह थे कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों और पंचायत भवनों को क्वारंटाइन सेंटर बनाना पड़ा। स्वास्थ्य विभाग के पास ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसा कोई ढांचा ही नहीं था कि वह अपने प्रतिष्ठान में लोगों को क्वारंटाइन कर सके या कम गंभीर मरीजों का उपचार कर सके। अब सरकार ने ब्लॉक स्तर पर कई लेबोरेटरी खोलने की घोषणा की है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में