Move to Jagran APP

जेटली के आखिरी बजट में एससी, एसटी और माइनॉरिटी को कितना हुआ फायदा, जानिए

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए धन के आवंटन को बढ़ैा दिया है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 04:02 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 11:17 AM (IST)
जेटली के आखिरी बजट में एससी, एसटी और माइनॉरिटी को कितना हुआ फायदा, जानिए
जेटली के आखिरी बजट में एससी, एसटी और माइनॉरिटी को कितना हुआ फायदा, जानिए

नई दिल्ली, जेएनएन। आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एससी और एसटी के लिए आवंटन में काफी बढ़ोतरी की। केंद्रीय बजट में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटन में 35 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करने के साथ अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों के आबंटन में भी वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) व अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए धन के आवंटन को बढ़ाकर क्रमश: 56,619 करोड़ रुपये व 39,135 करोड़ रुपये किया गया है।

loksabha election banner

चुनावी बजट में दलितों व आदिवासियों की नाराजगी दूर करने का भरसक प्रयास करते हुए जेटली ने कहा कि मैं 2018-19 के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के 39,135 करोड़ रुपये अलग से आवंटन करने का प्रस्ताव करता हूं। सरकार नीति आयोग द्वारा इन क्षेत्रों में व्यय की परिणाम आधारित निगरानी की शुरुआत करेगी।

जेटली ने कहा कि यह आवंटन अनुसूचित जातियों के समुदाय के लिए 279 कार्यक्रमों के लिए है और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 305 कार्यक्रमों के लिए है। जेटली ने कहा कि 2017-18 के लिए आरई (संशोधित अनुमान) का निर्धारित आवंटन अनुसूचित जातियों के लिए 52,719 करोड़ रुपये व अनुसूचित जनजातियों के लिए 32,508 करोड़ रुपये था।

आपको बता दें कि देश की आबादी में 25 पर्सेंट से ज्यादा हिस्सा एससी और एसटी समुदाय के लोगों का है।सरकार की कोशिश है कि एससी-एसटी समुदाय का ज्यादा से ज्यादा विकास हो। इसके अमल में आने के बाद अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण पर खर्च बढ़ने की उम्मीद है। 

यह भी पढ़ें: आम बजट 2018-19 में रोजगार के लिए क्या लेकर आई मोदी सरकार?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.