आटोमोबाइल सेक्टर के लिए शुभ संदेश ला सकता है बजट, पहली बार है इतने मुश्किल दौर में
संकेत इस बात के हैं कि सरकार भी ऑटो सेक्टर की उम्मीदों पर खरा उतरने को लेकर गंभीर है। बजट पेश होने में अब सिर्फ कुछ दिन शेष रह गए हैं लेकिन आटोमोबाइल सेक्टर को दी जाने वाली रियायतों को लेकर विमर्श का दौर चल रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। घरेलू आटोमोबाइल सेक्टर संभवत: पिछले दो दशकों के सबसे गंभीर दौर से गुजर रहा है। यह दौर कोरोना महामारी की शुरुआत के पहले से है। ऐसे में देश के मैन्युफैक्चरिंग में अहम योगदान देने वाले इस सेक्टर को आम बजट 2021-22 से काफी उम्मीदें हैं। संकेत इस बात के हैं कि सरकार भी इन उम्मीदों पर खरा उतरने को लेकर गंभीर है। बजट पेश होने में अब सिर्फ कुछ दिन शेष रह गए हैं, लेकिन आटोमोबाइल सेक्टर को दी जाने वाली रियायतों को लेकर विमर्श का दौर चल रहा है। संकेत है कि आटोमोबाइल सेक्टर के लिए बजट शुभ संदेश ला सकता है।
सरकार के साथ वार्ता में शामिल आटोमोबाइल उद्योग के लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद मैन्युफैक्चिरंग सेक्टर को नए सिरे से मजबूत बनाने की जो कोशिश केंद्र ने शुरू की है उस पर लगातार ध्यान देना होगा। देश के कुल जीडीपी में आटोमोबाइल सेक्टर का योगदान 7.5 प्रतिशत है जबकि यह प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर 10 लाख लोगों को रोजगार देता है। बीते कुछ वर्षों की मंदी और कोरोना की वजह से इस उद्योग की कमाई को भारी झटका लगा है। ऐसे में उन्हें नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए भी प्रोत्साहन चाहिए। खास तौर पर आटोमोबाइल सेक्टर में एक समान टैक्स लगाने की व्यवस्था भी लागू होनी चाहिए।
कीमत कम करने से मिलेगा बिक्री को प्रोत्साहन
देश की सबसे बड़ी आटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के सीनियर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण को बताया कि जितना यह बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है उतनी ही इसकी अहमियत आटोमोबाइल कंपनियों के लिए है। मारुति सुजुकी ने पिछले महीने कीमत बढ़ाई थी और अगले हफ्ते फिर कीमत बढ़ाने जा रही है। इसके अलावा ग्राहकों पर ईधन की बढ़ती कीमतों, बीमा की कीमत आदि का भी बोझ पड़ रहा है। इसे कम करने से बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा।
कीमत कम करने का रास्ता निकाले वित्त मंत्रालय: सियाम
आटोमोबाइल कंपनियों के सबसे बड़े संगठन SIAM के पिछले वर्ष के सालाना समारोह में वाहनों की कीमत एक बड़ा मुद्दा था। केंद्र सरकार ने आटोमोबाइल सेक्टर के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (पीएलआइ) को लांच किया था और ताजा जानकारी है कि इसके तहत 115 कंपनियों ने आवदेन भी भेजे हैं लेकिन यह पूरी तस्वीर नहीं है। आवेदन करने वाली अधिकांश कंपनियां इलेट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी छोटी कंपनियां हैं। सोसायटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की तरफ से वित्त मंत्रालय से प्रमुख तौर पर यही मांग रखी गई है कि हाल के वर्षों में सरकार की तरफ से पर्यावरण सुरक्षा और वाहनों की गुणवत्ता को लेकर जो नए नियम लागू किए गए हैं, उसकी वजह से ग्राहकों पर कीमत का बोझ पड़ा है। ऐसे में कीमत कम करने का रास्ता निकाल कर सरकार पूरे आटोमोबाइल उद्योग को बड़ी राहत दे सकती है।