नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार आज अपना वार्षिक बजट 2023 पेश करने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि वैश्विक मंदी से उभरने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार अपने राजकोषीय घाटे को कम कर सकती है। साथ ही आने वाला बजट दीर्घकालिक विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है।
गौरतलब है कि इसी साल राज्यों में चुनाव भी है और 2024 में एक राष्ट्रीय वोट है, इस वजह से राजकोषीय घाटे को कम करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है।
इस क्षेत्रों में ज्यादा निवेश की है संभावना
उम्मीद की जा रही है कि आज पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण परियोजनाओं के लिए 10 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा कर सकती है। इस तरह आगामी बजट आर्थिक सुधारों को जारी रख सकता है ताकि कर संग्रह में तेजी आ सके।
बड़ी कंपनियों को पहुंच सकता लाभ
ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों से बड़ी कंपनियों कोलाभ मिलने वाला है। बता दें कि 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स दरों में कमी और श्रम सुधारों के माध्यम से निवेशकों को लुभाने की कोशिश की है, जिससे पूंजीगत व्यय में वृद्धि किया जा सके। साथ ही स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए टैक्स नियमों को आसान किया जा सकता है।
विकास की दरें
जानकारी के लिए बता दें कि वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के मुताबिक, अनुमान लगाया गया है कि अर्थव्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष में 6 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत तक बढ़ सकती है, जबकि अनुमानित आंकड़े 7 प्रतिशत के है। दूसरी तरफ, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो इस वित्तीय वर्ष में 6.8 प्रतिशत है।
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