बजट 2026-27 से पहले सीआईआई की सरकार को सलाह, निवेश बढ़ाने के लिए बड़े सुधारों की जरूरत
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने बजट 2026-27 से पहले सरकार को निवेश-आधारित विकास को मजबूत करने के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव दिया है। CII ने पूंजीगत व्यय ...और पढ़ें

नई दिल्ली। आगामी आम बजट 2026-27 से पहले भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार के सामने कई अहम सुधारों का प्रस्ताव रखा है। उद्योग संगठन का मानना है कि सार्वजनिक, निजी और विदेशी निवेश को एक साथ प्रोत्साहित कर निवेश-आधारित विकास को मजबूत किया जा सकता है, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी रफ्तार बनाए रखे।
सीआईआई ने सुझाव दिया है कि वित्त वर्ष 2026-27 में केंद्रीय पूंजीगत व्यय में 12 प्रतिशत और राज्यों को दी जाने वाली पूंजीगत व्यय सहायता में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जानी चाहिए। इसके साथ ही, संगठन ने 2026 से 2032 की अवधि के लिए ₹150 लाख करोड़ की नई राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP 2.0) शुरू करने की भी सिफारिश की है।
निवेश और उत्पादन बढ़ाने वाली कंपनियों को राहत का सुझाव
उद्योग संगठन का कहना है कि जिन कंपनियों ने बड़े स्तर पर नया निवेश किया है या उत्पादन और कर योगदान के तय लक्ष्यों को हासिल किया है, उन्हें अतिरिक्त कर प्रोत्साहन या अनुपालन में ढील दी जानी चाहिए। इससे निजी क्षेत्र को नए निवेश के लिए और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
सीआईआई ने यह भी मांग की है कि त्वरित मूल्यह्रास (Accelerated Depreciation) की सुविधा को दोबारा लागू किया जाए। इससे खासकर एमएसएमई और विनिर्माण क्षेत्र में नई मशीनरी, तकनीकी उन्नयन और आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिल सकता है। संगठन ने सुझाव दिया कि यह व्यवस्था इस तरह लागू हो कि निवेश तो बढ़े, लेकिन न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) का अतिरिक्त बोझ न पड़े।
एनआईआईएफ को मजबूत करने और नई परिषद का प्रस्ताव
सीआईआई ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि (NIIF) को और सशक्त बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया है। इसके लिए एक संप्रभु निवेश रणनीति परिषद (Sovereign Investment Framework Council-SIFC) के गठन की सिफारिश की गई है, ताकि निवेश फैसले देश की दीर्घकालिक प्राथमिकताओं के अनुरूप लिए जा सकें। इसके अलावा, संगठन का मानना है कि आर्थिक चक्र पर आधारित सार्वजनिक ऋण ढांचा अपनाने से वित्तीय स्थिरता को और मजबूती मिल सकती है।
बजट से क्या उम्मीद
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि बजट 2026-27 को एक साथ स्थिरीकरण और विकास दोनों भूमिकाएं निभानी होंगी। उनके अनुसार, “आने वाले बजट में निवेश को बढ़ावा देना सबसे अहम घटकों में से एक होगा, क्योंकि यही दीर्घकालिक विकास की नींव रखता है।”

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