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    Budget 2025: सरकार टैक्सपेयर पर पहले करेगी भरोसा और देगी सहूलियत, बाद में लेगी 'तलाशी'

    Budget 2025 सरकार पहले टैक्सपेयर्स पर भरोसा करके उन्हें सहूलियत प्रदान करेगी। बाद में तलाशी लेगी। बजट घोषणा के दौरान सीतारमण ने कहा कि अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सुविधा अवधि को 24 माह से बढ़ाकर 48 महीना करने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही बजट प्रविधान के मुताबिक वित्त वर्ष 2027 से सरकार टैक्स लेने के साथ क्रिप्टो की खरीदारी करने वालों का डाटा तैयार करेगी।

    By Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas Updated: Sat, 01 Feb 2025 10:46 PM (IST)
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    बजट में रिवाइज्ड रिटर्न के लिए अब चार साल का मौका देने की घोषणा की गई है। फोटो: जागरण

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट घोषणा के दौरान कहा कि सरकार टैक्सपेयर्स पर पहले भरोसा करेगी, फिर उनकी तलाशी के सिद्धांत पर काम करेगी। पिछले कई सालों से सरकार इसी सिद्धांत पर काम कर रही है और आगे भी इस प्रकार की कई सुविधा बहाल की जाएगी।

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    उन्होंने बताया कि जल्द ही भारतीय न्याय संहिता की तरह प्रत्यक्ष कर की नई संहिता आ रही है। यह संहिता लोगों को पढ़ने व समझने में बिल्कुल सरल होगी और इसकी मदद से टैक्स संबंधी विवाद में भी कमी आएगी। फिलहाल के टैक्स संहिता के मुकाबले इस कानून के आधे चैप्टर ही रह जाएंगे। हालांकि नई संहिता को लागू होने में अभी समय लगेगा।

    संयुक्त समिति के पास जाएगा बिल

    बजट सत्र में इसे संसद में पेश किया जाएगा और इस बिल को संसद की संयुक्त कमेटी के पास जाने की भी उम्मीद है। बजट घोषणा के दौरान सीतारमण ने कहा कि अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सुविधा अवधि को 24 माह से बढ़ाकर 48 महीना करने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने बताया कि अपडेटेड रिटर्न की सुविधा देने से चालू वित्त वर्ष में 90 लाख टैक्सपेयर्स ने अपना रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल किया।

    मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर टैक्स में सुधार लाना है लक्ष्य

    उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर टैक्स व्यवस्था में सुधार करना है। टीडीएस-टीसीएस को तर्कसंगत बनाने की कोशिश के साथ स्वैच्छिक नियम पालन, नियमों के बोझ को कम करना करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। बजट घोषणा में पेनाल्टी संबंधी कई नियमों में बदलाव लाने का जिक्र किया गया है।

    विवाद से विश्वास स्कीम से मिली मदद

    कैपिटल संपदा की परिभाषा में भी संशोधन करने की बात की गई है। चैरिटेबल ट्रस्ट और संस्था के टैक्स प्रविधान को सरल करने का प्रस्ताव रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले विवाद से विश्वास स्कीम के तहत भी लोगों को अपने मामले खत्म करने में मदद मिली।

    क्रिप्टो खरीदने वाले का डाटा जुटाएगी सरकार

    सरकार अब तक क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लेती थी, लेकिन क्रिप्टो खरीदने वालों का कोई डाटा तैयार नहीं करती थी। बजट प्रविधान के मुताबिक वित्त वर्ष 2027 से सरकार टैक्स लेने के साथ क्रिप्टो की खरीदारी करने वालों का डाटा तैयार करेगी। क्रिप्टो खरीदने वालों को सरकार द्वारा तैयार फार्म भरना होगा और तभी वे क्रिप्टो की खरीदारी कर पाएंगी। इस दिशा में पूुरा फ्रमवर्क तैयार किया जा रहा है।