Budget 2025: बढ़ते कर्ज पर सरकार गंभीर, अगले पांच साल में 7 फीसदी कमी का रखा लक्ष्य
Union Budget 2025 अर्थव्यवस्था पर बढ़ते कर्ज को लेकर सरकार गंभीर है। सरकार का फोकस है कि कर्ज को कम किया जाए। बजट में लक्ष्य रखा गया है कि आगामी पांच साल में 7 फीसदी कर्ज को कम किया जाएगा। कर्ज के बोझ को कम करके अर्थव्यवस्था वित्तीय मजबूती की ओर ले जाना सरकार का उद्देश्य है। चालू वित्त वर्ष में कर्ज का अनुपात 57.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित वित्तीय सेहत को अब फिर से मजबूती देने में सरकार जुट गई है। फाइनेंशियल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) एक्ट के तहत सरकार अपने राजकोषीय घाटे को कम करने के साथ कुल कर्ज अनुपात में कमी के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है।
बजट में वित्त वर्ष 2030-31 तक कर्ज के अनुपात को जीडीपी के 51 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। चालू वित्त वर्ष में कर्ज का अनुपात 57.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि कर्ज का अनुपात जीडीपी की विकास दर पर भी निर्भर करेगा। अगर चालू मूल्य पर जीडीपी विकास दर अगले पांच में 11 प्रतिशत रहती है तो वित्त वर्ष 2030-31 में कर्ज का अनुपात जीडीपी के 48 प्रतिशत तक जा सकता है।
...तो राजकोषीय घाटे में लगातार आएगी कमी
कर्ज में कमी और राजस्व में बढ़ोतरी से राजकोषीय घाटे में भी लगातार कमी आएगी। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.8 प्रतिशत तो आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में यह 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार का कर्ज जीडीपी के 56.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
टैक्स राजस्व 42.70 लाख करोड़ रहने का अनुमान
बजट घोषणा के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष में कुल टैक्स राजस्व 42.70 लाख करोड़ रहने का अनुमान है जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के मुकाबले 10.8 प्रतिशत अधिक है। 42.7 लाख करोड़ में 25.20 लाख करोड़ रुपए प्रत्यक्ष कर से आने का अनुमान है।
2026 में विकास दर 6.8 फीसदी रहने की उम्मीद
- पीरामल इंटरप्राइजेज के मुख्य अर्थशास्त्री देबोपम चौधरी के मुताबिक बजट के राजकोषीय प्रबंधन से ऋण बाजारों को लाभ होना चाहिए। वित्त वर्ष 2026 में विकास दर 6.8 फीसदी या उससे कम रहने की उम्मीद है।
- कोई भी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था कोरोना के बाद इस गति से राजकोषीय घाटे को कम करने में सक्षम नहीं रही है जिससे भारत भारत की स्थिति मजबूत हुई है।
- कर कटौती से भारत के विशाल मध्यम वर्ग और महत्वाकांक्षी आबादी को अतिरिक्त आय उपलब्ध हुई जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा मंदी से बाहर आने के लिए आवश्यक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
बजट में हुईं कई बड़ी घोषणाएं
गौरतलब है कि शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर किसानों तक हर तबके के ध्यान रखा है। किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 3 लाख से अब 5 लाख रुपये कर दी है। वहीं धन धान्य योजना से भी किसानों को लाभ देने की बात कही है। शहरी गरीबों के साथ ही ब्लू इकोनॉमी पर भी सरकार ने फोकस किया है। सबसे बड़ी बात यह कि इस बजट में 12 लाख रुपये साल की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है।
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