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    Budget 2024: निर्मला सीतारमण ने लगातार छठी बार पेश किया बजट, इन वित्त मंत्री को पीछे छोड़ बनाया ये खास रिकॉर्ड

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 11:52 AM (IST)

    निर्मला सीतामरण ने लगातार छठी बार बजट पेश किया। इस बजट के साथ उन्होंने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। बता दें कि वह तीसरी वित्त मंत्री हैें जिन्होंने लगातार छठी बार बजट पेश किया है। उनसे पहले पूर्व वित्त मंत्री सीडी देशमुख और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम यह रिकॉर्ड है। मनमोहन सिंह पी चिदंबरम अरुण जेटली और यशवंत सिंहा ने पांच बजट पेश किए हैं।

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    निर्मला सीतारमण ने लगातार छठी बार पेश किया बजट

    पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में लगातार छठी बार बजट पेश किया। इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री सीडी देशमुख (लगातार 7 बार) और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई (कुल 10, लगातार 6 बार) बजट पेश कर चुके हैं।

     देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री सीतारमण ने पहला बजट जुलाई 2019 में पेश किया था। आज उन्होंने संसद में वोट-ऑन-अकाउंट बजट पेश किया। इसी के साथ, सीतारमण लगातार पांच बजट पेश करने वाले वित्त मंत्रियों मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा को पीछे छोड़ दिया।

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    मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड की बराबरी

    वित्त मंत्री के रूप में देसाई ने 1959-1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया अंतरिम बजट 2024 वोट-ऑन-अकाउंट है जो सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनावों के बाद नई सरकार आने तक कुछ निश्चित धनराशि खर्च करने का अधिकार देगी।

    इस बार आम चुनाव होने वाले हैं ऐसे में निर्मला सीतारण ने इस बजट में कोई बड़ा नीतिगत बदलाव नहीं किया।

    कितना खर्च करेगी सरकार?

    ससंद से पास हो जाने पर वोट-ऑन अकाउंट बजट सरकार को अप्रैल से जुलाई तक के खर्चों के लिए भारत के कंसोलिडेटेड फंड से आनुपातिक आधार पर धन खर्च करने की अनुमति देता है।

    आम चुनाव के बाद नई सरकार जून तक बनने की संभावना है। नई सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट लेकर आएगी।

    आमतौर पर अंतरिम बजट में नितिगत घोषणाएं नहीं होती हैं। लेकिन सरकार चाहे तो अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए नितिगत फैसले कर सकती है।

    अरुण जेटली ने बदली परंपरा

    साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेत्तृव में बनी सरकार सत्ता में आई तो अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बजट पेश किए। साल 2017 में अरुण जेटली ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस के बजाय 1 तारीख को बजट पेश कर औपनिवेशिक युग से चली आ रही परंपरा को बदल दिया था।

    पिछले अंतरिम बजट में करदाताओं को मिली थी सौगात

    अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला और 1 फरवरी 2019 को उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साल 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश किया। इस दौरान गोयल ने वेतनभोगी करदाताओं को सौगात दी।

    उन्होंने मानक कटौती को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था। इसके साथ ही, जिन करदाताओं की वार्षिक कर योग्य आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, उनके लिए कर छूट 2,500 रुपये से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दी गई।

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    निर्मला सीतारमण ने भी बदली परंपरा

    2019 के आम चुनावों के बाद, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में, निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रीफकेस के बजाय भाषण और अन्य बजट दस्तावेजों को संसद ले जाने के लिए राष्ट्रीय प्रतीक के साथ 'बही-खाता' अपनाया।

    निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल में कोविड महामारी का डटकर मुकाबले किया और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का टैग जारी रखा है। भारत 2027-28 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में है।

    मोरारजी देसाई ने पेश किए सबसे ज्यादा बजट

    पूर्व प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई, जिनके पास 10 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। देश में किसी भी वित्त मंत्री ने अधिकतम छह बजट पेश किए हैं। निर्मलता सीतारण अपना लगातार छठा बजट पेश कर रही है। वहीं बात करें आजाद भारत के पहले बजट की तो इसे देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।

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