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    Budget 2024: टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए लिया जा सकता है फैसला, टैक्सपेयर्स को बजट से हैं ये उम्मीदें

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Tue, 30 Jan 2024 09:11 AM (IST)

    Budget 2024 Expectation 1 फरवरी 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेगी। भले ही यह बजट केवल कुछ महीनों के लिए वैध रहेगा लेकिन इस बजट से कई लोगों को उम्मीदें है। अगर टैक्सपेयर्स की बात करें तो वह भी उम्मीद जता रहे हैं कि इस बार फिर से टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए कुछ फैसला लिया जा सकता है। पढ़ें पूरी खबर...

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    टैक्सपेयर्स को बजट से हो सकती है ये उम्मीदें

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। New VS Old Tax: इस हफ्ते गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में कई लोग टैक्स को लेकर भी उम्मीद की जा रही है।

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    इस बार भी टैक्सपेयर्स टैक्स के नियमों को सरल बनाने उम्मीदें कर रहे हैं। वर्ष 2020 के बजट में न्यू टैक्स रिजीम पेश किया गया था।

    नई कर व्यवस्था में जिन भी करदाता को कुछ कटौतियां और छूट को छोड़ना है उनके लिए आयकर दरों में कमी की गई।

    कितना मिलता है टैक्स डिडक्शन

    पिछले साल यानी कि 2023 के बजट में नई कर व्यवस्था लागू की गई थी। इसमें इनकम टैक्स छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया था। इसके अलावा टैक्स स्लैब को भी 6 से 5 कर दिया गया था।

    इनकम टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा दिया गया है। अब यह 3 लाख रुपये हो गई है।

    न्यू टैक्स रिजीम सेलेक्ट करने वाले टैक्सपेयर्स को मकान किराया भत्ता (HRA), अवकाश यात्रा भत्ता, होम लोन पर इंटरेस्ट कटौती, इनकम टैक्स एक्ट के 80 सी के तहत ईएलएसएस में निवेश पर कटौती, एफडी, होम लोन जैसे डिडक्शन से बचना होगा।

    इसे ऐसे समझे कि रेगुलर रिजीम में अगर किसी व्यक्ति की इनकम 7 लाख रुपये होती है। तो वह 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकता है। वहीं, अगर किसी करदाता की इनकम 15 लाख रुपये होती है तो वह 3.75 लाख रुपये का टैक्स कटौती का लाभ उठा सकता है।

    रेगुलर टैक्स रिजीम यानी कि पुरानी कर व्यवस्था में करदाता ज्यादा टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है। अगर किसी करदाता की इनकम 5 करोड़ रुपये से ज्यादा होती है तब उसके लिए नई टैक्स रिजीम सही माना जाता है। इसमें कम सरचार्ज लगता है।

    सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम के रूप में बनाया है। अभी भी करदाता पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में से कोई एक सेलेक्ट कर सकते हैं।

    क्या नई कर व्यवस्था पर मिलता है टैक्स बेनिफिट का लाभ

    वित्त वर्ष 2021-22 में एक आंकड़े जारी हुए थे। उन आंकड़ों के अनुसार कई टैक्सपेयर्स मौजूदा कर व्यवस्था को पसंद नहीं करते थे। इस वजह से वर्ष 2023 में सरकार द्वारा नई टैक्स रिजीम लागू की गई थी।

    बजट 2023 में सरकार ने कर व्यवस्था को आकर्षित बनाने के लिए कुछ रियायत जोड़ी। ऐसे में सवाल आता है कि नई टैक्स रिजीम क्या टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट पर असर डालता है।

    नई टैक्स रिजीम की विशेषता है कि इसमें लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (जैसे- लाइफ इंश्योरेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट) पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। यानी कि करदाता के पास टैक्स बचाने का मौका है।

    बजट 2024 से क्या है उम्मीदें

    ऐसे में टैक्सपेर्य को इस साल बजट से उम्मीदें हैं कि वह नई टैक्स रिजीम के स्ट्रक्चर में बदलाव कर सकते हैं। सरकार करदाता को मौका दें कि वह अपने प्लान के अनुसार सही टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करें।

    नई टैक्स रिजीम का विस्तार करने के लिए सरकार को सेविंग, इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहन देने के लिए संतुलन बनाने की जरूरत है।

     

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