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Budget 2020: अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, GST कटौती से परिवारों को हर महीने 4% की बचत

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीसएटी) को ऐतिहासिक आर्थिक सुधार बताते हुए सीतारमण ने कहा कि इसकी वजह से देश का आर्थिक एकीकरण हुआ है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 11:46 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:18 PM (IST)
Budget 2020: अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत,  GST कटौती से परिवारों को हर महीने 4% की बचत
Budget 2020: अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, GST कटौती से परिवारों को हर महीने 4% की बचत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 पेश करते हुए अर्थव्यवस्था की मजूबत बुनियाद का दावा किया। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत हैं और महंगाई को अच्छे तरीके से काबू में रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में औसत महंगाई दर 4.5 फीसदी रही है। 

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उन्होंने कहा कि बैंक भी खराब कर्ज की स्थिति से उबरने में सफल रहे हैं।

मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 5 फीसदी से भी नीचे जा चुकी है। दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 फीसदी रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी कोशिश आय को बढ़ाने के साथ ही लोगों की खरीदारी क्षमता में इजाफा करने की है।

सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और केंद्र सरकार जीडीपी के मुकाबले कर्ज के अनुपात को 48.7 फीसदी करने में कामयाब रही है। मार्च 2014 में जीडीपी के मुकाबले केंद्र सरकार का कर्ज 52.2 फीसदी था।

सीतारमण ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीसएटी) को ऐतिहासिक आर्थिक सुधार बताते हुए कहा कि इसकी वजह से देश का आर्थिक एकीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी रेट में कटौती की वजह से औसत परिवार को हर महीने खर्च में 4 फीसदी की बचत हुई है।

वित्त मंत्री ने कहा, 'जीएसटी लागू होने के बाद से औसत परिवार अपने महीने के खर्च में 4 फीसदी की बचत कर पाता है।'

उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से रिटर्न भरने की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की मदद से इंस्पेक्टर राज को खत्म करने में सहायता मिली है। इस कर सुधार से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी मदद मिली है। 

मांग और निवेश में कमी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहद खराब दौर का सामना करना पड़ा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट कम होकर 4.5 फीसदी हो चुकी है। 

कमजोर आर्थिक परिदृश्य की वजह से कई अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भारत के ग्रोथ रेट में कटौती कर चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के ग्रोथ रेट को 5.8 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है। 

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