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    चीन में इस जगह बसी है सीक्रेट एप्पल सिटी, जहां 2 लाख मजदूर दिन रात करते हैं iPhone बनाने का काम

    फॉक्सकॉन के 2020 के डेटा के मुताबिक उसके साथ दुनियाभर में 969696 कर्मचारी काम करते हैं। अकेले झेंगझौ (Zhengzhou) में 2 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं। इसे सीक्रेट एप्पल सिटी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यहां एप्पल जो भी इससे प्रोडक्ट बनाता है वह बड़े सीक्रेट तरीके से बनता है।

    By Ashish Kushwaha Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Mon, 07 Jul 2025 04:16 PM (IST)
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    फॉक्सकॉन पर एप्पल की निर्भरता का मुख्य कारण इसकी उच्च उत्पादन क्षमता और कम लागत है।

    नई दिल्ली। यदि आपके हाथों में iPhone है तो उसके पीछे फॉक्सकॉन (Foxconn) का हाथ है। यह आईफोन (iPhone) असेंबली का बड़ा ठिकाना है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी कहा जाता है। यह हाल ही में तब चर्चा में आई जब इसकी भारत में मौजूद iPhone असेंबली से अचानक 300 से ज्यादा चीनी इंजीनियरों को चीन वापस बुला लिया गया। 

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    दरअसल ये 300 इंजीनियर भारत में सिर्फ काम नहीं करते थे, बल्कि भारत में मौजूद असेंबली मजदूरों को स्किल भी करते थे। हम आपको बता रहे हैं आखिर फॉक्सकॉन में ऐसा क्या है, जिसके दम पर चीन इतना इतरा रहा है। साथ ही इतनी बड़ी कंपनी एप्पल भी अपने प्रोडक्ट बनाने के लिए इस पर क्यों निर्भर है? हम आपको फॉक्सकॉन के बारे में भी बताएंगे जिसके 10 लाख से ज्यादा मजदूर iPhone मैन्युफैक्चरिंग का काम दिन-रात करते हैं।

    चीन में कहां है 'सीक्रेट एप्पल सिटी'

    फॉक्सकॉन के डेटा के मुताबिक उसके साथ दुनियाभर में 9,69,696 कर्मचारी काम करते हैं। अकेले झेंगझौ (Zhengzhou) में 2 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं। इसे सीक्रेट एप्पल सिटी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यहां एप्पल जो भी प्रोडक्ट बनाता है वह बड़े सीक्रेट तरीके से तैयार होते हैं। इसकी जानकारी कभी बाहर लीक नहीं हो पाती है।

    यही वजह है कि एप्पल अपने आईफोन के लिए फॉक्सकॉन पर इतना ज्यादा भरोसा करता है और उस पर निर्भर है। हर नया iPhone, इसकी ही फैक्ट्री में ही बनता है। हालांकि पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन भी कुछ iPhone मॉडल्स बनाते हैं।

    फॉक्सकॉन एप्पल के प्रोडक्ट कब से बना रही?

    फॉक्सकॉन की स्थापना 1974 में ताइवान में टेरी गाउ (Terry Gou) ने की थी। ये कंपनी शुरुआती दौर में टीवी के प्लास्टिक पार्ट्स बनाती थी। 1980-90 के दशक में कंपनी ने कंप्यूटर पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली में कदम रखा था। कंपनी के लिए गेमचेंजर वाली बात तब हुई जब फॉक्सकॉन को अमेरिका की एप्पल कंपनी से ऑर्डर मिला। एप्पल और फॉक्सकॉन की साझेदारी 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुई, जो अब तक जारी है। हालांकि एप्पल ने हाल के सालों में भारत में भी मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट करना शुरू किया है। जिसमें टाटा टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा सकती है।

    एप्पल ने फॉक्सकॉन को क्यों चुना

    फॉक्सकॉन iPhone की लाखों यूनिट्स रातोंरात बना सकता है। क्योंकि Apple के हर नए मॉडल के लॉन्च के वक्त एक साथ बहुत ज्यादा मॉडल की जरूरत होती है। जिसे यह पूरा कर देता है। इसके अलावा इसने Apple के बेहद हाई स्टैंडर्ड्स की नीति को पूरा किया। इसका सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला फैक्टर कम लागत में प्रोडक्शन करना रहा।