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    क्या है जीरो सैलरी का सच, सामने आई CEOs की सच्चाई, जानिए मुकेश अंबानी से लेकर बड़े अरबपतियों ने कैसे कमाया पैसा

    CEOs Zero Salary वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान मार्केट में लिस्टेड कई नामी कंपनियों के सीईओ और एमडी ने कोई वेतन नहीं लिया और जीरो सैलरी का विकल्प चुना। लेकिन इन सभी लोगों को अन्य तरीकों से काफी कमाई हुई है और 170 करोड़ रुपये तक की रकम मिली जो सैलरी से काफी ज्यादा है।

    By Chandrashekhar Gupta Edited By: Chandrashekhar Gupta Updated: Mon, 11 Aug 2025 01:14 PM (IST)
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    वित्तीय वर्ष 2025 में कई सीईओ और एमडी ने जीरो सैलरी का विकल्प चुना था।

    नई दिल्ली। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कई कंपनियों के सीईओ और एमडी ने कोई सैलरी नहीं ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस और डाबर से लेकर जोमैटो तक के मालिकों ने वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान कोई वेतन नहीं लिया। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठा कि इन अरबपतियों ने सैलरी क्यों नहीं ली और इनकी कमाई फिर कहां से हुई। दरअसल, सीईओ और एमडी स्तर के अधिकारियों के पास सैलरी के अलावा भी कमाई का एक और अन्य विकल्प है, और इन लोगों ने उसी ऑप्शन का लाभ उठाया।

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    दरअसल, वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान मार्केट में लिस्टेड कई नामी कंपनियों के टॉप ऑफिसर्स ने जीरो सैलरी का विकल्प चुना और डिविडेंड बोनस और अन्य प्रकार के मुआवजे के माध्यम से कमाई की।

    इन नामी लोगों ने नहीं ली सैलरी

    सैलरी नहीं लेने वाले इन नामी लोगों में इंफोसिस के नंदन नीलेकणि, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, जोमैटो के दीपिंदर गोयल, डिवीज लैबोरेटरीज के मुरली कृष्णन प्रसाद दिवि, इंटरग्लोब एविएशन के राहुल भाटिया, डाबर इंडिया के मोहित बर्मन, टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स के समीर उत्तम लाल मेहता और ओबेरॉय रियल्टी के विकास ओबेरॉय शामिल हैं।

    सैलरी नहीं तो फिर कैसे कमाया पैसा

    डिवीज़ लैबोरेटरीज के फाउंडर और एमडी मुरली कृष्णन प्रसाद डिवी ने लगातार चौथे वर्ष कोई वेतन नहीं लिया, लेकिन वित्त वर्ष 2025 में उन्हें 87.87 करोड़ रुपये का बोनस मिला। कंपनी में 2.85 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, 1,500 प्रतिशत डिविडेंड में उनका हिस्सा 114 करोड़ रुपये रहा। 

    टॉरेंट फार्मास्युटिकल्स के चेयरमैन समीर उत्तमलाल मेहता ने भी वित्त वर्ष 2025 में कोई वेतन नहीं लिया, लेकिन कमीशन के तौर पर 30 करोड़ रुपये कमाए। टॉरेंट पावर में, उन्होंने कोई वेतन नहीं लिया और 16.5 करोड़ रुपये का बोनस प्राप्त किया।

    ओबेरॉय रियल्टी के चेयरमैन और एमडी विकास ओबेरॉय ने 2015 से कोई वेतन नहीं लिया है। कंपनी में 58.5 प्रतिशत हिस्सेदारी और 4.8 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ, उन्हें वित्त वर्ष 2025 में घोषित 80 प्रतिशत फाइनल डिविडेंड से 170 करोड़ रुपये मिले।

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    रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कोरोना महामारी के बाद से कोई वेतन नहीं लिया है, वित्त वर्ष 2009 से वित्त वर्ष 2020 तक उनका पारिश्रमिक 15 करोड़ रुपये तक सीमित रहा। सबसे बड़े शेयरधारक के रूप में, उन्हें वित्त वर्ष 2025 में घोषित कुल 7,446 करोड़ रुपये के डिविडेंड का एक बड़ा हिस्सा मिला।

    इंटरग्लोब एविएशन के एमडी राहुल भाटिया, जिनके पास कंपनी में 37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, अपने पूरे कार्यकाल के दौरान जीरो सैलरी ले रहे हैं। हालांकि, एनुअल रिपोर्ट से पता चला है राहुल भाटिया को वित्त वर्ष 2025 में 145 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था।

    डाबर इंडिया में, अमित बर्मन, मोहित बर्मन, साकेत बर्मन और आदित्य बर्मन ने कोई वेतन नहीं लिया। हालांकि, कंपनी में संयुक्त रूप से उनकी हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है ऐसे में उनकी फैमिली को 8 रुपये प्रति शेयर के फाइनल डिविडेंड से 936 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।