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    मुफ्त में नहीं मिलती बैंक से एसएमएस की सुविधा

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    एटीएम से पैसा निकाले, बैंक खाते में पैसा जमा करने, ऑनलाइन शॉपिंग करने या कोई अन्य लेन-देन करने पर झट से आपके मोबाइल फोन की घंटी बज जाती है। आपको पता चल जाता है कि पैसा का लेन-देन कब और कितना हुआ। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस एसएमएस अलर्ट की सुविधा आपको मुफ्त में नहीं मिलती। देश के सभी छ

    नई दिल्ली। एटीएम से पैसा निकाले, बैंक खाते में पैसा जमा करने, ऑनलाइन शॉपिंग करने या कोई अन्य लेन-देन करने पर झट से आपके मोबाइल फोन की घंटी बज जाती है। आपको पता चल जाता है कि पैसा का लेन-देन कब और कितना हुआ। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस एसएमएस अलर्ट की सुविधा आपको मुफ्त में नहीं मिलती। देश के सभी छोटे-बड़े बैंक ग्राहकों को एसएमएस अलर्ट की सुविधा के लिए प्रति वर्ष 60 से 100 रुपये से ज्यादा तक का शुल्क वसूलते हैं, जिसके बारे में आपको शायद पता भी नहीं चल पाता।

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    हालांकि, इस संबंध में रिजर्व बैंक ने कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किये हैं। इसके बावजूद बैंक अपनी मर्जी से यह शुल्क लगा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने ग्राहकों से एसएमएस अलर्ट के लिए 60 रुपये प्रति वर्ष का शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक केवल नकद निकालने और अन्य सुविधाओं के लिए एसएमएस भेजने के लिए 60 रुपये प्रति वर्ष का शुल्क देत हैं। वहीं, एचडीएफसी बैंक सिर्फ स्पेशल अलर्ट जैसे चेक बाउंस होने और खाते में सैलरी आने की जानकारी देने के लिए 60 रुपये प्रति वर्ष वसूलता है।

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    वर्तमान में बैंकों में 12 फीसद सर्विस टैक्स और 3 फीसद एजूकेशन सेस लगाया जाता है। कोटक महिंद्रा एसएमएस अलर्ट और अपडेट के लिए प्रत्येक तिमाही 25 रुपये वसूलता है। केनरा बैंक एटीएम डेबिट कार्ड पर 112 रुपये का वार्षिक शुल्क वसूलता है। बैंक जोकि ग्राहकों को मुफ्त में कार्ड बांट रहे हैं, वह धीरे-धीरे उन पर शुल्क लगा रहे हैं लेकिन इसकी जानकारी ग्राहकों को नहीं मिल पाती। गौरतलब है कि साल 2012-13 की चौथी तिमाही में एसबीआई की फीस आधारित आय 8.13 फीसद घटकर 3,873 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 4,216 करोड़ रुपये थी। इसी को देखते हुए बैंक ग्राहकों से विभिन्न सुविधाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा शुल्क वसूल रहे हैं।