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    काम की खबर: ढाई सौ रुपये से भी शुरू कर सकेंगे SIP, जल्द जारी होंगे नियम

    Updated: Sat, 11 Jan 2025 05:41 AM (IST)

    कोई व्यक्ति चाहे तो 250 रुपये से भी एसआईपी यानी मासिक निवेश योजना के तहत बचत की शुरुआत कर सकता है। इस बारे में शेयर बाजार की नियामक एजेंसी सेबी की तरफ से जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाने वाले हैं। यह जानकारी सेबी चेयरमैन माधबी पूरी बुच ने एक कार्यक्रम में दी। इसका मकसद शेयर बाजार में ज्यादा से ज्यादा घरेलू निवेशकों को आकर्षित करना है।

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    सेबी चेयरमैन की घोषणा- ढ़ाई सौ रुपये से भी शुरू कर सकेंगे एसआईपी

     जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब यह बहुत ही जल्द ही संभव होने जा रहा हैर कि कोई व्यक्ति चाहे तो 250 रुपये से भी एसआइपी यानी मासिक निवेश योजना के तहत बचत की शुरुआत कर सकता है। इस बारे में शेयर बाजार की नियामक एजेंसी सेबी की तरफ से जल्द ही विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये जाने वाले हैं।

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    यह जानकारी सेबी चेयरमैन माधबी पूरी बुच ने एक कार्यक्रम में दी। इसका मकसद शेयर बाजार में ज्यादा से ज्यादा घरेलू निवेशकों को आकर्षित करना है। इसका सकारात्मक फाइनेंशिएल इनक्लूजन पर भी होगा क्योंकि बाजार की तेजी का फायदा समाज के एक बड़े वर्ग को मिलेगा।

    एसआइपी के जरिए 26,459 करोड़ रुपये का निवेश

    सेबी के ताजे आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर, 2025 में एसआइपी के जरिए निवेशकों ने कुल 26,459 करोड़ रुपये का निवेश किया है। नवंबर, 2024 में एसआइपी के जरिए 24,320 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। अगस्त, 2016 में हर महीने 3122 करोड़ रुपये का निवेश म्यूचुअल फंड में हो रहा था।

    बुच ने कहा कि, “250 रुपये की एसआइपी की सीमा ना सिर्फ वास्तविकता बनेगी बल्कि इससे पूरे उद्योग (म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री) को काफी फायदा होगा। मेरा मानना है कि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों को वित्तीय समावेशी कार्यक्रम में शामिल करने वाला भी होगा। यह अगले तीन वर्षों के दौरान भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग को काफी बढ़ाने वाला होगा।''

    एआइ की वजह से ज्यादा से ज्यादा निवेश हो रहा

    उन्होंने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में काफी प्रगति होने से अब लेन-देन की लागत को काम करना काफी संभव है और इस वजह से छोटे निवेश वाले वित्तीय उत्पाद भी लांच करना संभव हो रहा है। एआइ की वजह से ज्यादा से ज्यादा निवेश आवेदनों का बहुत ही कम समय में प्रोसेस करना संभव हो गया है। इस फैसले से कम आय वाले वर्ग या कम बचत करने वाले वर्ग में म्यूचुअल फंड का प्रसार हो सकेगा।