Yes Bank को दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड 18,564 करोड़ रुपये का घाटा, NPA में बेतहाशा वृद्धि
Yes Bank Q3 Results चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में Yes Bank के फंसे हुए कर्ज में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
मुंबई, पीटीआइ। प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2019) के दौरान 18,564 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक को 1,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। वित्तीय संकट से जूझ रहा यह बैंक इस वक्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के प्रतिबंधों के दायरे में है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक का सकल फंसा कर्ज (ग्रॉस एनपीए) बढ़कर 18.87 प्रतिशत पर जा पहुंचा। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक का एनपीए 7.39 प्रतिशत रहा था। समीक्षाधीन अवधि में बैंक को एनपीए के मद में 24,765 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा।
NPA में जबरदस्त बढ़ोत्तरी
बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी के कारण बैंक को इतना बड़ा घाटा हुआ है। इसके साथ ही बैंक में डिपोजिट बेस में भी जबरदस्त कमी दर्ज की गई है। ये वित्तीय परिणाम बताते हैं कि RBI को किन परिस्थितियों में बैंक पर पाबंदियों की घोषणा करनी पड़ी और लेनदेन की सीमा तय करनी पड़ी। Yes Bank को जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 600.08 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
ब्याज से शुद्ध आय 60% घटी
यस बैंक का कैपिटल बफर (अनिवार्य तौर पर वित्तीय संस्थान के पास रहने वाली राशि) भी इस अवधि में जरूरी मानक से काफी नीचे आ गया। बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक का CET1 (संभावित घाटे को सहने की बैंक की क्षमता) घटकर 0.6 फीसद पर आ गई थी जबकि इसके लिए अनिवार्य सीमा 7.4 फीसद की है।
अक्टूबर-दिसंबर, 2019 के दौरान शुद्ध ब्याज के रूप में होने वाली आमदनी में भी सालाना आधार पर 60 फीसद की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई। बैंक को इस दौरान शुद्ध ब्याज के रूप में 1,064.78 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
फंसे हुए कर्ज के लिए बढ़ाना पड़ा प्रावधान
फंसे हुए कर्ज के लिए बैंक ने दिसंबर तिमाही में 24,765 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। इससे पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 1,336 करोड़ रुपये पर था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।