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    Year Ender 2021: डिजिटल पेमेंट में भारत का बजा डंका, जानिए 2021 में हम चीन से कितने फासले हैं दूर

    By Ashish DeepEdited By:
    Updated: Fri, 17 Dec 2021 08:07 AM (IST)

    भारत ने डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी है। खासकर 2021 के मुकाबले 2021 में यह काफी तेजी से बढ़ा है। जानकारों की मानें तो ऐसा Covid महामारी के कारण हुआ। क्‍योंकि इस दौरान कॉन्‍टैक्‍टलेस ट्रांजैक्‍शन को बढ़ावा दिया गया।

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    इस समय 1.18 बिलियन वायरलेस टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन के साथ हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट आबादी हैं।

    नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। भारत ने डिजिटल पेमेंट क्षेत्र में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी है। खासकर 2021 के मुकाबले 2021 में यह काफी तेजी से बढ़ा है। जानकारों की मानें तो ऐसा Covid महामारी के कारण हुआ। क्‍योंकि इस दौरान कॉन्‍टैक्‍टलेस ट्रांजैक्‍शन को बढ़ावा दिया गया। इस समय 1.18 बिलियन वायरलेस टेलीकॉम सब्सक्रिप्शन के साथ हम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेट आबादी हैं। देश लगभग 1 अरब डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 2.25 अरब पीपीआई (प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स) और कई नए पेमेंट मोड के साथ सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट बाजार में से एक होने वाला है।

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    वर्ल्डलाइन इंडिया की ताजा रिपोर्ट "इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट Q3 2021" में इसका जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो साल में कोविड महामारी से संकट के बावजूद डिजिटल भुगतान ने देश भर के ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ोतरी जारी रखी। यह तेजी सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रही।

    उत्तर-पूर्वी राज्यों का हाल

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक सितंबर 2021 तक उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा टियर 3-6 सेंटरों में 5.6 मिलियन से ज्‍यादा डिजिटल डिवाइस को तैनात किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, आईटी, खुदरा, ऑटोमोबाइल और कृषि जैसे क्षेत्रों में भारत की मजबूत ग्रोथ के कारण स्थायी और सुरक्षित पेमेंट सिस्‍टम की जरूरत रफ्तार पकड़ रही है। वर्ल्डलाइन इंडिया ने रिपोर्ट में कहा कि यूपीआई के आने और दुकानों में लाखों QR कोड के रोलआउट से मोबाइल फोन के जरिए लेनदेन किए जा रहे हैं। अप्रैल 2020 में मोबाइल ऐप से लेन-देन की संख्या 1.12 अरब थी और जून 2021 में यह संख्या 3.7 अरब पर पहुंच गई। इसी तरह, वैल्‍यू के मामले में देखें तो अप्रैल 2020 में यह 3.6 ट्रिलियन रुपये था जबकि जून 2021 में यह 11.4 ट्रिलियन रुपये हो गया।

    2022 में और बढ़ेगा डिजिटल पेमेंट

    वर्ल्‍डलाइन इंडिया के उपाध्‍यक्ष सुनील रोगला के मुताबिक डिजिटल पेमेंट ने 2021 में अपनी वृद्धि जारी रखी है, जिसमें बड़े पैमाने पर मोबाइल से यूपीआई लेनदेन में बड़ा बदलाव आया। लेकिन कार्ड और अन्य पेमेंट चैनलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2021 में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार को आरबीआई से पर्याप्त समर्थन मिला। जैसे कि घरेलू पेमेंट प्रोडक्‍ट को प्रोत्साहित करना, संपर्क रहित लेनदेन की सीमा बढ़ाना। इन प्रयासों के लिए धन्यवाद। वर्ष 2022 में डिजिटल भुगतान उद्योग और भी तेजी से बढ़ेगा। अधिक संख्या में लोग डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं। RuPay कार्ड और UPI के लिए P2M लेनदेन के लिए प्रोत्साहन देने की सरकार की हालिया घोषणा भी दुकानों को डिजिटल पेमेंट के लिए बढ़ावा देगी।

    चीन सबसे आगे

    दिलचस्प है कि मोबाइल से दुकानों पर पेमेंट के मामले में चीन बीते छह महीनों में इस तरह के भुगतान करने वाले 81 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर के साथ अव्‍वल है। डेनमार्क 41 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर। मोबाइल पेमेंट अपनाने के मामले में चीन 39.5 प्रतिशत के साथ आगे है, उसके बाद दक्षिण कोरिया 29.9 प्रतिशत और वियतनाम 29.1 प्रतिशत है। भारत 20.2 फीसदी के साथ छठे और अमेरिका 17.7 फीसदी के साथ लिस्‍ट में सातवें स्‍थान पर आता है। प्रति यूजर औसत वार्षिक लेनदेन के मामले में अमेरिका 7,961 डॉलर, फिर चीन 2,300 डॉलर और भारत 80 डॉलर के साथ लिस्‍ट में जगह बनाए है।

    जनवरी से सितंबर में अच्‍छी बढ़ोतरी

    भारत में, पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल्स) टर्मिनल काउंट में भी पूरे साल भर में तेजी देखी गई। जनवरी 2021 में यह 4.71 मिलियन थी, लेकिन सितंबर 2021 में बढ़कर 4.97 मिलियन हो गई। सितंबर 2021 तक फिजिकल पेमेंट एक्‍सेपटेंस डिवाइसों की संख्या 0.245 मिलियन थी जबकि डिजिटल डिवाइसों की संख्या 5.53 मिलियन से अधिक थी।

    रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पीओएस टर्मिनल बाजार में प्राइवेट बैंक लगभग 67 प्रतिशत का दखल रखते हैं जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 26 प्रतिशत हैं। पेमेंट बैंकों की बाजार हिस्सेदारी 6 प्रतिशत है जबकि विदेशी बैंक 1 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ हैं। पीओएस टर्मिनलों को लगाने में एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आरबीएल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) शीर्ष पर हैं।

    राज्‍यों का हाल

    महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल 2021 की तीसरी तिमाही में फिजिकल टचपॉइंट पर सबसे ज्‍यादा लेनदेन वाले शीर्ष 10 राज्य हैं। इसके अलावा Q3 2021 में फिजिकल टचप्वाइंट पर सबसे अधिक लेनदेन वाले दस शहरों में हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नै, मुंबई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, कोयंबटूर, अहमदाबाद और वडोदरा आते हैं।

    सितंबर 2021 तक प्रचलन में कार्डों की कुल संख्या 985.35 मिलियन थी। इनमें से 920.30 मिलियन डेबिट कार्ड थे और 65.02 मिलियन क्रेडिट कार्ड, जो बीते साल के मुकाबले क्रमशः 8.65 प्रतिशत और 10.78 प्रतिशत YOY बढ़े। Q3 2021 में 14.27 मिलियन से अधिक डेबिट कार्ड और लगभग 2.21 मिलियन क्रेडिट कार्ड सिस्टम में जोड़े गए थे। प्रचलन में कुल कार्डों में से डेबिट कार्ड का हिस्सा 93 प्रतिशत था, जबकि क्रेडिट कार्ड की 7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी।

    मोबाइल वॉलेट लेनदेन

    रिपोर्ट के अनुसार, 2021 की तीसरी तिमाही में मोबाइल वॉलेट से लेनदेन की संख्या 1.21 अरब थी और इसका मूल्य 604.43 अरब रुपये था। इसमें सामान और सेवाओं की खरीद और वॉलेट से फंड ट्रांसफर शामिल है। वॉलेट के जरिए लेनदेन भी तेजी से बढ़ रहा है। Q3 2021 में इसने पिछली तिमाही की तुलना में वॉल्यूम में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की।

    Q3 2021 में मोबाइल ऐप-आधारित लेनदेन 32 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इसके मूल्य में पिछली तिमाही यानी 2021 की दूसरी तिमाही के मुकाबले 21 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई। दिलचस्प है कि 91 प्रतिशत मोबाइल लेनदेन में इंटर-बैंक लेनदेन शामिल थे। जबकि 9 प्रतिशत इंट्राबैंक लेनदेन थे। इस दौरान नेट बैंकिंग या इंटरनेट-आधारित लेनदेन 21 प्रतिशत से अधिक बढ़ा और Q2 के मुकाबले मूल्य में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

    UPI ट्रांजैक्‍शन

    सितंबर 2021 में कुल UPI ट्रांजैक्‍शन में 54 प्रतिशत लेनदेन P2P (व्यक्ति-से-व्यक्ति) थे जबकि 46 प्रतिशत P2M (व्यक्ति-से-व्यापारी) थे। UPI ने P2P और P2M लेनदेन के बीच की खाई को पाटने में कामयाबी हासिल की है। Q3 2021 में UPI Q3 2020 की तुलना में 103 प्रतिशत बढ़ा और मूल्य में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। सितंबर 2021 तक NETC कार्यक्रम की स्थापना के बाद से 39.41 मिलियन FASTags जारी किए गए हैं। Q3 में 4.67 मिलियन से अधिक टैग जारी किए गए थे। वर्तमान में, यह कार्यक्रम 35 बैंकों के साथ लाइव है और देश में 720 से अधिक टोल प्लाजा पर स्वीकार किया जा रहा है।