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    आज बिक सकती है दिग्गज इंटरनेट कंपनी याहू, जानिए कंपनी का इतिहास

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2016 10:08 AM (IST)

    याहू की स्थापना प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों जेरी यांग और डेविड फिलो ने वर्ष 1994 में की थी।


    वॉशिंगटन। एजेंसी। इंटरनेट कंपनी याहू इतिहास बनने की दहलीज पर है। दिग्गज अमेरिकी दूरसंचार कंपनी वेराइजन इसे पांच अरब डॉलर लगभग 33,574 करो़ड़ रूपये में खरीदने जा रही है। सोमवार को खरीद समझौते पर मुहर लग सकती है। वेराइजन, याहू की तकनीक से अपने एओएल इंटरनेट व्यवसाय को नई ऊंचाई तक ले जाने की योजना में है। वेराइजन ने पिछले साल ही 4.4 अरब डॉलर में एओएल को खरीदा था। याहू के विज्ञापन टूल का इस्तेमाल दुनिया में तेजी से ब़़ढते इंटरनेट व्यवसाय के लिए किया जाएगा। वेराइजन के लिए सर्च इंजन, ई--मेल, मैसेंजर आदि भी मददगार साबित होंगे। खरीद प्रक्रिया संपन्न होने पर कंपनी की याहू जापान में 35.5 फीसदी और दिग्गज ई--कॉमर्स कंपनी अलीबाबा में 15 प्रतिशत की हिस्सेदारी शेष रह जाएगी। याहू के 37 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण में इन्हीं दोनों का ज्यादातर हिस्सा बचेगा।

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    स्टैनफोर्ड के छात्रों ने की थी याहू स्थापना

    याहू की स्थापना प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के दो छात्रों जेरी यांग और डेविड फिलो ने वर्ष 1994 में की थी। शुरूआत में विश्व भर के लोग याहू के प्लेटफॉर्म से ही इंटरनेट की दुनिया में कदम रखते थे। याहू कुछ ही वर्षो में दुनिया की सबसे ब़़डी इंटरनेट कंपनी बन गई थी। वर्ष 2008 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसे खरीदने की कोशिश की थी। याहू ने इससे इनकार कर दिया था।

    5 अगस्त याहू मैसेंजर का आखिरी दिन

    लोगों के बीच कभी लोकप्रिय रहे याहू मैसेंजर को बंद करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है। पांच अगस्त को इसका आखिरी दिन होगा। हालांकि, कंपनी इसका नया वर्जन पहले ही लॉन्च कर चुकी है, लेकिन इस अवधि के बाद पुराने वर्जन को देख पाना बीते दिनों की बात हो जाएगी।


    कंपनी का सफरनामा

    जनवरी, 1994- अमेरिका के जेरी यांग और डेविड फिलो ने व‌र्ल्ड वाइड वेब पर बनाई जेरीज गाइड।

    मार्च 1995- कंपनी के तौर पर याहू का हुआ गठन। याहू ने लॉन्च की अपनी कमर्शियल वेबसाइट। इसमें दी जाती थी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के माध्यम से खबर और चलते थे विज्ञापन।

    अप्रैल,1996 -आया याहू का आईपीओ

    अक्टूबर, 1997, : याहू ने किया ऑनलाइन डायरेक्टरी कंपनी फोर11 का अधिग्रहण।

    जून, 1998- फोर11 की वेबमेल कंपनी रॉकेट मेल बनी याहू मेल। वॉयावेब का किया अधिग्रहण। ऑनलाइन शॉपिंग में मदद करने वाला वेब बेस्ट एप्लीकेशन था यह।


    जनवरी, 1999- किया वेब होस्टिंग सर्विस कंपनी जीयोसिटीज का अधिग्रहण

    अप्रैल, 1999- इंटरनेट रेडियो ब्रॉडकास्ट डॉट का किया अधिग्रहण

    फरवरी, 1999- जॉब सर्ज इंजन हॉट--जॉब्स का अधिग्रहण
    दिसंबर, 1999- खरीदा सर्च इंजन इंकटोमी

    जून, 2003- टेलीकॉम कंपनी बीटी व‌र्ल्ड ने मिलाया याहू से हाथ

    जनवरी, 2004- नई तकनीक की खोज के लिए याहू रिसर्च लैब बनाने की घोषणा
    मार्च, 2004 - लॉन्च की सर्च इंजन तकनीक
    दिसंबर, 2004- वीडियो सर्च इंजन के परीक्षण के लिए लॉन्च किया बीटा वर्जन

    फरवरी, 2008- याहू को खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने लगाई 44 अरब डॉलर की बोली

    जुलाई, 2010- सर्च के लिए याहू ने माइक्रोसॉफ्ट से मिलाया हाथ

    मार्च, 2012- पेटेंट के उल्लंघन के लिए याहू ने फेसबुक पर दर्ज कराया मामला। फेसबुक ने भी किया याहू पर केस।

    मई, 2013- अहम न्यूज ट्वीट्स को प्रदर्शित करने के लिए ट्विटर से साझेदारी।

    जुलाई, 2014: याहू ने खरीदी मोबाइल कंपनी फ्लरी। वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा रेवी का किया अधिग्रहण।


    ये भी हैं शामिल
    याहू को खरीदने की दौ़ड़ में एटी एंड टी, वॉरेन बफे समर्थित क्विकन लोन के संस्थापक डैन गिल्बर्ट के नेतृत्व वाला समूह, टीपीजी कैपिटल एलपी और वेक्टर कैपिटल व सिकामोर पार्टनर्स जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।

    शेयर बाजार ने जताई थी खुशी
    ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक याहू और वेराइजन के प्रतिनिधियों के बीच तकरीबन पांच अरब डॉलर पर विचार--विमर्श चल रहा है। इस खबर से याहू के शेयर में 0.6 फीसदी, जबकि वेराइजन के शेयर में 1.3 प्रतिशत तक का उछाल आया। दोनों कंपनियों की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित रॉस बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर एरिक गार्डन का मानना है कि मोबाइल वीडियो की दुनिया में अपना बर्चस्व बनाने के लिए वेराइजन, याहू की तकनीक का एओएल में इस्तेमाल करेगी। गो90 एप पहले से ही सक्रिय है।

    पढ़ें- इतिहास बनने की दहलीज पर इंटरनेट कंपनी याहू, 33,574 करोड़ रुपये लगा दाम