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WPI Inflation April: अप्रैल में थोक महंगाई दर रिकॉर्ड उच्‍च स्‍तर पर पहुंची, मार्च के 14.55% से बढ़कर हुआ 15.08%

WPI Inflation April 2022 अप्रैल में थोक महंगाई दर 15.08 प्रतिशत के स्‍तर पर पहुंच गई जो मार्च में 14.55 प्रतिशत थी। यह लगातार 13वां महीना है जब थोक महंगाई दर दहाई अंकों में है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए ही RBI ने रेपो रेट में इजाफा किया था।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 12:49 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 12:56 PM (IST)
WPI Inflation April: अप्रैल में थोक महंगाई दर रिकॉर्ड उच्‍च स्‍तर पर पहुंची, मार्च के 14.55% से बढ़कर हुआ 15.08%
WPI Inflation in India Surges In April 2022 to 15.08 Percent From 14.55 Percent of March

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क/पीटीआइ। WPI Inflation: महंगाई से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में थोक महंगाई दर (WPI) 15.08 प्रतिशत के स्‍तर पर पहुंच गई जो मार्च में 14.55 प्रतिशत थी। यह अब तक का रिकॉर्ड उच्‍च स्‍तर है। एक साल पहले WPI Inflation (थोक महंगाई दर) 10.74 प्रतिशत के स्‍तर पर थी। कुल मिलाकर देखा जाए तो लगातार 10 महीने से थोक महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर के स्‍तर पर बनी हुई है।

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12 मई को CPI Inflation (खुदरा महंगाई दर) के जो आंकड़े सरकार ने जारी किए थे उसके अनुसार अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.9 प्रतिशत थी। यह मई 2014 के बाद से सबसे अधिक था। बढ़ती महंगाई दर पर अंकुश लगाने के लिए ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की थी।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि अप्रैल में थोक महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी की वजह मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल, क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, खाद्य पदार्थों, गैर खाद्य पदार्थों और केमिकल तथा केमिकल प्रोडक्‍ट्स की कीमतें हैं जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ी हैं।

WPI मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है। खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत रही, क्योंकि सब्जियों, गेहूं, फलों और आलू की कीमतों में एक साल पहले की तुलना में तेज वृद्धि देखी गई।

फ्यूल और पावर की बात करें तो इनमें मुद्रास्फीति 38.66 प्रतिशत रही जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 10.85 प्रतिशत और 16.10 प्रतिशत रही। कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति अप्रैल में 69.07 प्रतिशत थी।

वहीं, इसके अलावा खुदरा महंगाई भी बढ़ी है। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई बढ़कर 8 साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई।


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