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    बड़ा खतरा बन सकता है AI और Machine Learning, अगले पांच सालों में जा सकती हैं 1.4 करोड़ नौकरियां: रिपोर्ट

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Mon, 01 May 2023 01:35 PM (IST)

    WEC Report on AI Machine Learning and Jobs Loss वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर आने वाले पांच सालों में AI Machine Learning और अन्य नए ट्रेंड के कारण 1.4 करोड़ नौकरियां कम हो सकती हैं। (फोटो - जागरण फाइल)

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    job loss due to AI Machine Learning in the World

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।  AI, Machine Learning और डाटा सेगमेंट के बढ़ते चलन के कारण अगले पांच सालों में भारतीय जॉब मार्केट में नौकरियों में करीब 22 प्रतिशत की कमी देखने को मिल सकती है। सोमवार को एक स्टडी में खुलासा हुआ।

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    वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum (WEF)) की फ्यूचर जॉब रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक स्तर पर नए ट्रेंड के कारण 2027 तक नौकरियों में 23 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है। इस दौरान पूरी दुनिया में 6.9 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी, जबकि 8.3 करोड़ नौकरियां कम होंगी।

    डब्लूईएफ ने कहा कि अगले पांच सालों में दुनिया में एक चौथाई नौकरियां घट सकती हैं। इस दौरान नौकरियों में बढ़ोतरी की दर 10.2 प्रतिशत और गिरावट की दर 12.3 प्रतिशत रह सकती है।

    803 कंपनियों का किया सर्वे

    बता दें, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ओर से ये डाटा 803 कंपनियों का सर्वे कर तैयार किया गया है। रिपोर्ट में नियोक्ताओं के हवाले से 67.3 करोड़ नौकरियों के डाटा के आधार पर बताया गया कि 1.4 करोड़ नौकरियां वैश्विक स्तर पर अगले पांच सालों में जा सकती हैं।

    बता दें, जिन 803 कंपनियां का सर्वे किया गया है। वहां करीब 1.13 करोड़ कर्मचारी काम करते हैं। ये कंपनियां दुनिया की 45 देशों और 27 इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।

    भारत कंपनियों का क्या है कहना

    सर्वे में 61 प्रतिशत भारतीय कंपनियों का कहना है कि ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) मानकों के व्यापक अनुप्रयोग से नौकरी में वृद्धि होगी। 59 प्रतिशत का मानना है कि नई टेक्नोलॉजी के उपयोग से और 55 प्रतिशत का मानना है कि डिजिटल पहुंच बढ़ने से नौकरियों में वृद्धि होगी।

    वहीं, सर्वे में भाग ले चुकी पांच में से चार कंपनियों का कहना है कि वे लर्निंग और ट्रेनिंग में निवेश करने के साथ ऑटोमेटिक प्रोसेस में अगले पांच साल में निवेश करेंगी।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)