Women Empowerment: वर्कफोर्स में कितनी बढ़ी महिलाओं की भागीदारी, कहां आ रही हैं चुनौतियां?
भारत में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। सरकार 2047 तक 70% महिलाओं को कार्यबल में शामिल करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। NeoGrowth NeoInsights रिपोर्ट के अनुसार 70% महिलाओं ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए व्यवसाय शुरू किया जबकि 90% ने अपने व्यवसाय के कारण समाज में सम्मान पाया। 81% महिलाएं अपने बिजनेस को स्वतंत्र रूप से संचालित कर रही हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। वह चाहती है कि जब विकसित भारत 2047 का सपना साकार हो, तो महिलाओं की कार्यबल में अच्छी-खासी हिस्सेदारी हो। केंद्रीय श्रम सचिव सुमिता डावरा का कहना है कि 2047 तक 70% महिलाओं को कार्यबल में शामिल करना सरकार का बड़ा लक्ष्य है। उन्होंने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बेहतर शिक्षा, मेंटरशिप और वित्तीय मदद पर जोर दिया।
NeoGrowth की हालिया NeoInsights रिपोर्ट भी भारत में महिलाओं की बढ़ती उद्यमशीलता भावना को उजागर करती है। इस सर्वे में 3,000+ महिला उद्यमियों की भागीदारी रही। इसमें उनके प्रेरणास्रोत, चुनौतियों और सामाजिक प्रभाव पर गहन अध्ययन किया गया। NeoGrowth एक NBFC-ML (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी– मिड-लेयर) है, जो महिला उद्यमियों को MSME फाइनेंसिंग के जरिए सपोर्ट करती है।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की जरूरत
CII के एक कार्यक्रम में बोलते हुए डावरा ने कहा कि आने वाले समय में कई ऐसे सेक्टर हैं, जहां महिलाओं की भागीदारी और बढ़ सकती है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत महिलाओं की शिक्षा को मजबूत करने की जरूरत बताई। उन्होंने महिला उद्यमियों के लिए आर्थिक सहायता और सही मार्गदर्शन (मेंटरशिप) को भी जरूरी बताया।
महिलाओं के रोजगार में चुनौतियां
महिलाओं के सामने नौकरी पाने और उसे बनाए रखने में कई चुनौतियां हैं। जैसे कि काम के कम मौके, पुरुषों की तुलना में कम वेतन, नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंता, घर और करियर के बीच संतुलन बनाने की मुश्किल। डावरा का कहना है कि 45% महिलाएं घर-परिवार और बच्चों की देखभाल के कारण नौकरी नहीं कर पातीं। हालांकि, पिछले छह सालों में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। डावरा ने बताया कि आज महिलाएं सेवा क्षेत्र, टेक्नोलॉजी, वित्त और मैन्युफैक्चरिंग में बेहतरीन काम कर रही हैं।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
15 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं की कार्यबल भागीदारी दर (WPR) 2017-18 में 22% थी, जो 2023-24 में 40.3% हो गई। वहीं, महिला श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2017-18 में 23% थी, जो अब 42% तक पहुंच गई है। उन्होंने इसे भारत के आर्थिक बदलाव का एक अहम संकेत बताया। अब ज्यादा शिक्षित महिलाएं भी नौकरी कर रही हैं। 2023-24 में पोस्ट-ग्रेजुएट और उससे ज्यादा पढ़ी-लिखी 40% महिलाएं काम कर रही थीं, जबकि छह साल पहले यह आंकड़ा 35% था।
NeoInsights रिपोर्ट की खास बातें
- 70% महिलाओं ने अपने सपनों को पूरा खुद व्यवसाय शुरू किया, न कि केवल आर्थिक जरूरतों के कारण।
- 90% महिलाओं ने बताया कि उनके व्यवसायों के कारण समाज में उनके प्रति सम्मान बढ़ा है।
- 98% महिलाओं ने परिवार और समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव डाला। इसमें से 67% ने अन्य महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की ओर प्रेरित किया।
- 81% महिलाएं अपने व्यवसाय को पूरी तरह स्वतंत्र रूप से संचालित करती हैं, जबकि 19% को परिवार या जीवनसाथी से सहायता मिलती है।
- 64% महिला उद्यमी अपने व्यवसायों में अन्य महिलाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता देती हैं।
महिला उद्यमियों के सामने चुनौतियां
महिला उद्यमियों को लैंगिक पूर्वाग्रह (27%), बाजार में उतार-चढ़ाव (34%) और संसाधनों की कमी (32%) जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, वे वित्तीय अनुशासन बनाए रखती हैं। इसे जिससे 93% महिलाएं अपने वित्तीय जरूरतों को खुद मैनेज करती हैं और समय पर EMI भुगतान करती हैं। महिलाओं लगातार खुद को अपडेट भी कर रही हैं, ताकि वे आने वाली चुनौतियों का मुकाबला कर सकेंगे। 90% महिला व्यवसायी डिजिटल तकनीकों को अपना रही हैं, ताकि वे अपने ग्राहक आधार को बढ़ा सकें और संचालन को अधिक कुशल बना सकें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।