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    इस हफ्ते भी शेयर मार्केट पर दिखेगा ईरान-इजरायल विवाद का खौफ? जानें किन फैक्टर्स पर रहेगी नजर

    Updated: Sun, 21 Apr 2024 02:34 PM (IST)

    पिछले हफ्ते ईरान और इजरायल के बीच तनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार में लगातार चार दिनों तक गिरावट देखने को मिली थी। आखिरी कारोबारी दिन निवेशकों को थोड़ी राहत मिली जब बाजार हरे निशान में बंद हुआ। आइए जानते हैं कि इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का मिजाज कैसा रहेगा और इसकी चाल किन फैक्टर से प्रभावित हो सकती है।

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    इस हफ्ते भी बाजार की दिशा तय करने में ईरान-इजराइल संघर्ष की अहम भूमिका रहेगी।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले हफ्ते ईरान और इजरायल के बीच तनाव के चलते भारतीय शेयर बाजार में लगातार चार दिनों तक गिरावट देखने को मिली थी। आखिरी कारोबारी दिन निवेशकों को थोड़ी राहत मिली, जब बाजार हरे निशान में बंद हुआ। हालांकि, उस दिन भी बाजार गिरावट के साथ ही खुला था, लेकिन बाद में बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 599.34 अंक यानी 0.83 प्रतिशत उछलकर 73,088.33 पर बंद हुआ था।

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    इस हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल?

    इस हफ्ते भी बाजार की दिशा तय करने में ईरान-इजराइल संघर्ष की अहम भूमिका रहेगी। साथ ही, कंपनियों के तिमाही नतीजे और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से भी मार्केट का रुख प्रभावित होगा। कच्चे तेल और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी बाजार के उतार-चढ़ाव पर असर डालेगी।ॉ

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    स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट प्रवेश गौड़ का कहना है कि अगर ईरान और इजरायल के बीच तनाव ज्यादा बढ़ता है, तो दुनियाभर के शेयर बाजारों में खौफ बढ़ेगा और निवेशक बिकवाली करेंगे। साथ ही, क्रूड ऑयल की कीमतों पर भी मार्केट की नजर रहेगी, जो भू-राजनीतिक घटनाओं को लेकर काफी संवेदनशील होता है।

    Q4 नतीजों पर भी रहेगी नजर

    पिछले हफ्ते इन्फोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों के साथ HDFC बैंक का भी रिजल्ट आया था। इस हफ्ते भी टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, नेस्ले, बजाज फिनसर्व, HCL टेक्नोलॉजीज और मारुति जैसी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, जिन पर निवेशकों की नजर रहेगी।

    साथ ही, अमेरिका से जीडीपी डेटा और जापान से मौद्रिक नीति पर कुछ अहम आंकड़े आ सकते हैं, जो खासकर विदेशी निवेशकों के मिजाज को प्रभावित कर सकते हैं। पिछले हफ्ते भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट की बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली ही थी।

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