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    जीडीपी ग्रोथ के मामले में सबसे रहेगा भारत, क्या आम लोगों को भी मिलेगा फायदा?

    दुनिया की प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि भारत 2030 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार रहेगा। वहीं एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बेहतर कृषि उत्पादन और अधिक सरकारी खर्च से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन क्या इससे आम जनता को भी फायदा होगा?

    By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Wed, 25 Sep 2024 06:57 PM (IST)
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    अगले वित्त वर्ष में भारत की निर्यात वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी।

    एजेंसी, नई दिल्ली। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि मजबूत जीडीपी वृद्धि और सकारात्मक निवेश भावना से प्रेरित होकर भारत 2030 तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।

    ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले कुछ सालों में देश की आय में स्थिरता आनी शुरू हो गई है, क्योंकि देश वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी लचीला बना हुआ है। पिछले पांच सालों में निफ्टी की कुल आय वृद्धि और बाजार पूंजीकरण दोनों ने 18 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है।

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    कितनी रहेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ

    एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है। बैंक ने कहा कि बेहतर कृषि उत्पादन और अधिक सरकारी खर्च से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सितंबर के अपने एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) में एडीबी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात पहले के अनुमान से अधिक रहेगा। इसमें बड़ी भागीदारी सर्विसेज की होगी।

    भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने में उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। कृषि सुधारों से ग्रामीण खर्च बढ़ेगा, जो उद्योग और सेवा क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन के प्रभावों का पूरक होगा।

    मियो ओका, कंट्री डायरेक्टर, एडीबी

    हालांकि अगले वित्त वर्ष में निर्यात वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी। एडीबी ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 में विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना व्यक्त की है। दोनों ही वित्त वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान अप्रैल, 2024 में लगाए गए पूर्वानुमान के अनुसार हैं। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

    अच्छे मानसून का दिखेगा असर

    एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विकास दर धीमी होकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है, लेकिन कृषि में सुधार और उद्योग व सेवाओं के लिए काफी हद तक मजबूत संभावनाओं के साथ आने वाली तिमाहियों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है।

    रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि देश के अधिकांश हिस्सों में औसत से अधिक मानसून से कृषि में मजबूत वृद्धि होगी, जिससे चालू वित्त वर्ष में ग्रामीण आर्थिकी बढ़ेगी। मजबूत कृषि और पहले से ही मजबूत शहरी खपत से ग्रामीण खपत को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निजी खपत में सुधार होने की उम्मीद है। निजी निवेश के लिए संभावनाएं आशावादी हैं, लेकिन सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि अगले वित्त वर्ष में धीमी हो जाएगी।

    30 लाख कमाई क्लब में जुड़ेंगे 11.3 करोड़ परिवार

    भारत की आर्थिक तरक्की से जनता की जिंदगी भी गुलजार होगी। वित्त वर्ष 2031 तक 11.3 करोड़ नए ऐसे भारतीय परिवार होंगे, जिनकी वार्षिक आय 30 लाख रुपये से अधिक होगी। यू ग्रो कैपिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक पांच से 10 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले मध्यम वर्ग के परिवारों की संख्या में 28.3 करोड़ की वृद्धि होगी।

    इसके अतिरिक्त डालर के संदर्भ में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2029 तक दोगुना होने का अनुमान है। इससे भारतीय परिवारों द्वारा खपत और खर्च को और बढ़ावा मिलेगा। प्रति व्यक्ति आय में यह वृद्धि व्यवसायों के लिए नए अवसर भी पैदा करेगी क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों में उपभोक्ता मांग बढ़ती है।

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