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जेपी ग्रुप की दिवालिया कंपनी ने दिया एकमुश्त निपटान का प्रस्ताव, क्या राजी होंगे बैंक?

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने आईसीआईसीआई बैंक से दिवालिया जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JLL) के बकाया कर्ज को चुकाने के लिए एकमुश्त निपटान प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है। JLL ने इस महीने की शुरुआत में नेशल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) इलाहाबाद के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिया गया था।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Tue, 11 Jun 2024 07:56 PM (IST)
जेपी ग्रुप की दिवालिया कंपनी ने दिया एकमुश्त निपटान का प्रस्ताव, क्या राजी होंगे बैंक?
जयप्रकाश एसोसिट्स ने वन-टाइम सेटलमेंट को 18 हफ्तों के भीतर पूरा करने का प्रस्ताव है।

पीटीआई, नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने आईसीआईसीआई बैंक से जेपी ग्रुप की दिवालिया कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JLL) के बकाया कर्ज को चुकाने के लिए एकमुश्त निपटान प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है। JLL ने इस महीने की शुरुआत में नेशल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT), इलाहाबाद के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिया गया था।

JLL की याचिका पर सुनवाई करते हुए NCLAT ने इस संबंध में आईसीआईसीआई बैंक को नोटिस जारी किया है। NCLAT ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर का लेंडर आईसीआईसीआई बैंक ऋणग्रस्त जेएएल के एकमुश्त निपटान (ओटीएस) प्रस्ताव पर सुनवाई की अगली तारीख 24 जून तक विचार कर सकता है।

एनसीएलएटी की कार्यवाही के दौरान जेएएल ने अपने वकील के माध्यम से प्रस्ताव दिया कि अगर बैंक वन-टाइम सेटलमेंट के लिए मान जाता है, कंपनी 18 हफ्ते के भीतर पूरा करने की इच्छुक है। हालांकि, लेनदार बैंकों ने इसका विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुल ऋण 26,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

इससे पहले, जेएएल ने एनसीएलटी के समक्ष लेनदारों के लिए एक वन-टाइम सेटलमेंट प्रपोजल पेश किया था। इसमें 200 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि और लगभग 16,000 करोड़ रुपये की शेष राशि को 18 सप्ताह के भीतर या उससे पहले चुकाने का प्रावधान था। हालांकि, एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने इसे खारिज कर दिया और जेएएल के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का निर्देश दिया।

एनसीएलएटी की दो सदस्यीय अवकाश पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जेएएल सुनवाई की अगली तारीख तक कुछ बड़ी राशि जमा करने पर भी विचार कर सकती है। एनसीएलएटी ने सोमवार को पारित आदेश में कहा, "इस तरह की गई दलीलों पर विचार करते हुए, प्रतिवादियों (आईसीआईसीआई बैंक और आईआरपी) को नोटिस जारी किया जाता है।" इस मामले को अब 24 जून को सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।

एनसीएलएटी ने अपने आदेश में आगे कहा, 'प्रतिवादी बैंक 24 से पहले अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। उस दिन तक जयप्रकाश एसोसिएट्स के प्रस्तुत प्रस्ताव यानी एकमुश्त निपटान पर विचार कर सकते हैं। जयप्रकाश एसोसिएट्स अगली तारीख तक कुछ बड़ी राशि जमा करने पर भी विचार कर सकता है।"

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