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    NSE IPO से पहले जान लें इसका बिजनेस मॉडल, कहां-कहां से पैसे कमाता है ये एक्सचेंज; क्यों कहते हैं “कैश मशीन”?

    NSE IPO को लेकर निवेशकों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। बाजार नियामक सेबी ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही विवादित मामलों को सुलझा दिया जाएगा और एनएसई शेयर बाजार में लिस्ट होगा। एनएसई को विशेषज्ञ Cash Machine की संज्ञा देते हैं। वजह उन चुनिंदा कंपनियों में शुमार है जिनका प्रॉफिट मार्जिन 50 फीसदी से अधिक है।

    By Jagran News Edited By: Sunil Kumar Singh Updated: Tue, 10 Jun 2025 12:00 AM (IST)
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    IPO से पहले जान लीजिए कहां-कहां से पैसे कमाता है यह स्टॉक एक्सचेंज

    नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) शेयर बाजार में लिस्ट नहीं है। लेकिन इसका आईपीओ आने से पहले से ही एक लाख से अधिक निवेशक इसमें पैसा लगा चुके हैं। माना जा रहा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ भी हो सकता है। एनएसई के आईपीओ (NSE IPO) की चर्चा भर से BSE के शेयर चढ़ जा रहे हैं। क्या वजह है कि एनएसई के शेयरों को लेकर निवेशक इतने उतावले हैं?

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    वजह है कैपिटल मार्केट में एनएसई (National Stock Exchange of India) का एकतरफा दबदबा और जबरदस्त मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल। एनएसई सौदों की संख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। इंक्विटी ट्रेडिंग में इसका दुनिया में तीसरा स्थान है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर यह दुनिया का सातवां सबसे बड़ा एक्सचेंज है।

    देश के कैपिटल मार्केट में एनएसई की बाजार हिस्सेदारी कैश इक्विटी ट्रेडिंग में 92 फीसदी से अधिक, इक्विटी फ्यूचर में 99% से अधिक, ऑप्शन ट्रेडिंग में 96% से अधिक है। ट्रेडिंग और अन्य सेवाओं से एनएसई तगड़ी कमाई करता है और साल दर साल यह कमाई बढ़ती जा रही है।

    पांच साल पहले यानी वित्त वर्ष 2020-21 में एनएसई की कुल आय 5624 रुपए थी, जो बीते वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 19177 करोड़ रुपए हो गई। इसी तरह एनएसई का मुनाफा 2020-21 में 3573 करोड़ रुपए था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 8406 रुपए हो गया। इसमें सबसे खास बात है एनएसई का नेट प्रॉफिट मार्जिन। कंपनी लगातार 50% से ऊपर मार्जिन निकालने में कामयाब रही है। इस स्तर पर ऐसा करने वाली संभवत: यह देश की अकेली कंपनी है।

    यही वजह है कि एनएसई को Cash Machine कहा जाता है और इसीलिए ज्यादा से ज्यादा निवेशक एनएसई में हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं। अब अगला सवाल ये आता है कि एनएसई इतने पैसे कमाता कैसे है? आइए जानते हैं, एनएसई कहां-कहां से पैसे कमाता है।

    एनएसई की कमाई के प्रमुख स्रोत:

    ट्रेडिंग सेवाएँ (Trading Services):

    एनएसई की कमाई का सबसे मुख्य स्रोत इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी और कमोडिटी सेगमेंट में ट्रेडिंग से होने वाली आय है। एनएसई इंट्रा डे और डिलीवरी दोनों के खरीद-बिक्री पर 0.00297% का एक्सचेंज ट्रांजेक्शन चार्ज लगाता है। सुनने में यह फीस बहुत कम लगती है, लेकिन एनएसई के हजारों करोड़ के टर्नओवर के चलते उसे अच्छी कमाई हो जाती है। उदाहरण के लिए FY 2023-24 में इक्विटी कैश मार्केट का औसत दैनिक टर्नओवर ₹81,721 करोड़ रहा, जबकि डेरिवेटिव्स सेगमेंट में 9,942 करोड़ कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार हुआ। एनएसई की 80% कमाई इसी बिजनेस से आती है।

    लिस्टिंग शुल्क (Exchange Listing):

    कंपनियों को एक्सचेंज पर लिस्ट करने और उनसे शुल्क लेकर भी एनएसई की अच्छी आमदनी होती है। हर साल सैकड़ों मेनबोर्ड कंपनियों और एसएमई एनएसई पर लिस्ट होते हैं। इस साल के पहले पांच महीनों में ही 219 मेनबोर्ड कंपनियों और 142 एसएमई कंपनियों के आईपीओ एनएसई पर आ चुके हैं। एनएसई की कुल आय में से 1.49% इसके जरिए होती है।

    कोलोकेशन सर्विस

    एनएसई अपने सदस्यों को एक फीस लेकर कोलोकेशन सर्विस प्रदान करता है। इसमें ट्रेडिंग सदस्यों को अपना सर्वर एनएसई के डेटा सेंटर के अंदर रखने की अनुमति मिलती है। इसस उन्हें ट्रेड और कीमत का डेटा जल्दी मिलता है। पिछले साल एनएसई की कमाई का 5.91 फीसदी इसी सेवा से आया।

    डेटा और इंडेक्स सेवाए (Data & Indices):

    एनएसई अपने मार्केट डेटा और निफ्टी इंडेक्स से जुड़ी सेवाओं से भी आय प्राप्त करता है। जो इंडेक्स फंड इन फंड को बेंचमार्क करते हैं, उन्हें एक फीस एनएसई को चुकानी होती है। FY 2023-24 में 149 इंडेक्स फंड्स और 145 ETFs निफ्टी इंडेक्स से लिंक्ड थे, जिनका AUM ₹6.30 लाख करोड़ था।

    क्लीयरिंग और सेटलमेंट (Clearing & Settlement):

    एनएसई क्लीयरिंग लिमिटेड (NCL) के माध्यम से लेनदेन के निपटान से जुड़ी सेवाएं प्रदान करता है, जिससे भी आय होती है। उसे आय होती है।