Asset Allocation Funds अब चर्चा में क्यों हैं? क्या यह निवेश का बेहतर विकल्प है?
एसेट एलोकेशन’ रणनीति जो एक समय शैडो में चली गई थी क्योंकि बाजार ऊंचाई पर था और करेक्शन कहीं नजर नहीं आ रहा था अब फिर से चर्चा में है। बाजार में गिरावट टैरिफ वॉर के कारण मंदी की आशंका कॉर्पोरेट मुनाफे में कमी और GDP ग्रोथ में गिरावट ने निवेशकों को दोबारा एसेट एलोकेशन की अहमियत समझा दी है।
एसेट एलोकेशन’ रणनीति, जो एक समय शैडो में चली गई थी क्योंकि बाजार ऊंचाई पर था और करेक्शन कहीं नजर नहीं आ रहा था, अब फिर से चर्चा में है। बाजार में गिरावट, टैरिफ वॉर के कारण मंदी की आशंका, कॉर्पोरेट मुनाफे में कमी और GDP ग्रोथ में गिरावट ने निवेशकों को दोबारा एसेट एलोकेशन की अहमियत समझा दी है।
हाल ही में कई निवेशक अल्पकालिक आकर्षक रिटर्न के लालच में सिर्फ इक्विटी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, जिससे वे अन्य एसेट क्लास को भूल गए थे। लेकिन जैसे-जैसे शेयर की कीमतों में गिरावट आई और प्रमुख इक्विटी इंडेक्स सितंबर 2024 में अपने शिखर से 14% नीचे गिर गए, निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
खासतौर पर मिडकैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर असर अधिक हुआ, जिनमें से कुछ में हाल के उच्चतम स्तर से 50% तक की गिरावट दर्ज की गई। नतीजा यह हुआ कि पोर्टफोलियो रिटर्न मुनाफे से घाटे की ओर चला गया और मार्केट वैल्यू में $1 ट्रिलियन से अधिक की गिरावट आ गई।
इस स्थिति ने निवेशकों को एसेट एलोकेशन की असली अहमियत समझा दी। यह रणनीति साबित करती है कि लॉन्ग-टर्म रिटर्न के लिए अलग-अलग एसेट क्लास में डाइवर्सिफिकेशन बेहद जरूरी है। शोध से यह भी पता चलता है कि 90% से अधिक लॉन्ग-टर्म पोर्टफोलियो रिटर्न एसेट एलोकेशन से आता है, जबकि सिक्योरिटी सेलेक्शन का योगदान 3% से भी कम होता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि हर ऐसेट क्लास अलग-अलग मर्केट साइकिल के दौरान अपने तरीके से व्यवहार करता है, और एक साइकिल के विजेता हमेशा अगले साइकिल के विजेता नहीं होते हैं। । इसीलिए, इक्विटी, बॉन्ड और गोल्ड जैसे एसेट क्लास का संतुलित मिश्रण लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न दे सकता है और अस्थिरता के प्रभाव को कम कर सकता है, खासकर इक्विटी में।
उन निवेशकों के लिए जो अपने पोर्टफोलियो को कई एसेट क्लास में सही तरीके से एलोकेट करने की जटिलता से बचना चाहते हैं, एसेट एलोकेशन फंड एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकते हैं। ये फंड आकर्षक होते हैं क्योंकि ये मार्केट टाइमिंग के जोखिम को खत्म कर देते हैं। एक्टिव एलोकेशन स्ट्रैटिजी के जरिए निवेशक SIP या एकमुश्त किसी भी माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
ऐसा ही एक फंड है ICICI Prudential Asset Allocator Fund (FOF)। यह फंड मुख्य रूप से इनहाउस वैल्यूएशन मॉडल के आधार पर इक्विटी, डेट और गोल्ड म्यूचुअल फंड स्कीम/ETF के बीच आवंटन करता है। 28 फरवरी, 2025 तक, फंड ने एक साल का रिटर्न 6.85% दिया है, जिसमें तीन साल में 11.80% और पांच साल में 13.69% का प्रभावशाली CAGR रिटर्न है।
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