Noel Tata: कौन हैं नोएल टाटा, जो अब संभालेंगे Tata Trust की कमान
Noel Tata टाटा ट्रस्ट की कमान अब नोएल टाटा संभालेंगे। वह रिश्ते में दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। टाटा ट्रस्ट की ही टाटा ग्रुप में सबसे अधिक हिस्सेदारी है। इससे पहले रतन टाटा इसके चेयरमैन थे। लेकिन उन्होंने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। न ही रतन टाटा ने शादी की थी। लिहाजा टाटा ट्रस्ट के बोर्ड ने नोएल टाटा को सर्वसम्मति से नया चेयरमैन बनाया है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की विरासत को अब नोएल टाटा (Noel Tata) संभालेंगे। टाटा ट्रस्ट ने नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने के फैसले पर मुहर लगा दी है। इससे पहले टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा थे। उनका बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात को देहांत हो गया था। उन्होंने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं नियुक्त किया था। टाटा ग्रुप की फिलहाल सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है। इसके चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं। लेकिन, टाटा ट्रस्ट इससे भी ऊपर है, जिसकी जिम्मेदारी नोएल टाटा संभालेंगे।
नोएल टाटा क्यों बने चेयरमैन
रतन टाटा के देहांत के बाद टाटा ट्रस्ट के बोर्ड को सार्वजनिक धर्मार्थ संस्था के रूप में मौजूदा ट्रस्ट्रियों में से किसी एक को नया चेयरमैन बनाना था। बोर्ड ने यह जिम्मेदारी नोएल टाटा को दी है। नोएल इससे पहले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। इन ट्रस्ट का कुल मिलाकर टाटा संस में 66 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी है। उन्हें निर्विरोध टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन चुना गया है। इससे शेयरधारकों के बीच भी यह संदेश जाएगा कि टाटा परिवार का ही कोई सदस्य ट्रस्ट को संभाल रहा है।
कौन हैं नोएल टाटा (Noel Tata)?
नोएल टाटा रिश्ते में रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वह रतन टाटा के पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा की संतान हैं। नोएल फिलहाल टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रेसिडेंट और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। नोएल पिछले चार दशक से टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। वह टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल हैं। ट्रेंट, वोल्टास और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन में नोएल टाटा प्रेसिडेंट और टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड में वाइस-प्रेसिडेंट के रूप में शामिल हैं।
नोएल टाटा का परिवार
नोएल की शादी Aloo Mistry से हुई है। इन दोनों के तीन बच्चे हैं- लीह, माया और नेविल टाटा। सभी पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय तौर पर शामिल हैं। लीह टाटा इंडियन होटल्स कंपनी में वाइस-प्रेसिडेंट हैं। माया टाटा टाटा कैपिटल से जुड़ी हैं, जबकि नेविल टाटा स्टार बाजार में ट्रेंट और नेतृत्व टीम का हिस्सा हैं।
टाटा संस को भी संभालेंगे नोएल?
रतन टाटा करीब डेढ़ सौ साल पुराने टाटा ग्रुप के इतिहास में आखिरी शख्स रहे, जिन्होंने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट, दोनों के चेयरमैन की जिम्मेदारी निभाई। हालांकि, नोएल के लिए दोनों पद संभाला मुमकिन नहीं होगा। दरअसल, टाटा ग्रुप के नियमों में 2022 में संशोधन किया गया। इसमें एक ही शख्स के दोनों पद पर रहने पर रोक लगा दी गई। इसका मकसद गवर्नेंस स्ट्रक्चर में बदलाव लाना था।
कब बना था टाटा ट्रस्ट
टाटा ट्रस्ट की नींव नोएल और रतन के परदादा जमशेदजी टाटा ने 1892 में रखी थी। टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की 66 फीसदी की हिस्सेदारी है, जो 150 साल से अधिक पुराने टाटा ब्रांड के तहत अलग-अलग फर्मों की होल्डिंग कंपनी है। इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी हमेशा से टाटा परिवार के ही सदस्य ने ही संभाली। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और उन्होंने टाटा ट्रस्ट में किसी उत्तराधिकारी भी नहीं बनाया। ऐसे में टाटा ट्रस्ट के बोर्ड ने नोएल टाटा को छठा चेयरमैन नियुक्त किया है।
टाटा ग्रुप का कारोबार
टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी, साल 1868 में। इसका कारोबार 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है। यह ग्रुप रसोई के नमक बनाने से लेकर केमिकल, सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल और हवाई जहाज उड़ाने के बिजनेस में लगा हुआ है। टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का कुल रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023-24 में 13.86 लाख करोड़ रुपये था। टाटा ट्रस्ट ने साल 2023 में 470 करोड़ रुपये का दान दिया था।
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