रतन टाटा के आखिरी दिनों में उनका सबसे खास दोस्त रहा शांतनु, उनके जाने के बाद अब क्या कर रहा?
शांतनु नायडू रतन टाटा के आखिरी समय में काफी वक्त तक उनके साथ रहे और अहम सहयोगी रहे। इस वजह से उन्हें काफी पहचान मिली है इसलिए उनके पोस्ट काफी सुर्खियों में रहते हैं। शांतनु ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक लड़की के साथ 6 तस्वीरें पोस्ट कीं जिससे उनके फॉलोअर्स में उत्सुकता बढ़ गई।

नई दिल्ली। दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) को दुनिया छोड़े अब एक साल होने वाला है। पिछले साल 9 अक्टूबर को रतन टाटा का निधन हो गया था। उनका जाना भारतीय उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति रही है। रतन टाटा के जाने के बाद उनकी वसीयत से लेकर खास दोस्त तक सुर्खियों में रहे, उन्हीं में से एक है शांतनु नायडू (Shantanu Naidu)..घुंघराले बाल वाला यह लड़का आपको जरूर याद होगा, जो साये की तरह रतन टाटा के साथ रहता था। रतन टाटा, अपनी वसीयत में शांतनु को भी बहुत कुछ देकर गए थे। रतन टाटा के जाने के बाद अब शांतनु क्या कर रहे हैं?
शांतनु नायडू ने अपनी हालिया पोस्ट से इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी 'सीक्रेट लवर' का खुलासा किया है।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट की तस्वीरें
शांतनु ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक लड़की के साथ 6 तस्वीरें पोस्ट कीं, जिससे उनके फॉलोअर्स में उत्सुकता बढ़ गई। खास बात है कि इस पोस्ट के कैप्शन में एक दिल और नज़र ताबीज़ वाला इमोजी था। ऐसे में नेटिजंस उनकी डेटिंग और रोमांस के कयास लगा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि हर तस्वीर में युवती का चेहरा छिपा हुआ है, मानो शांतनु जानबूझकर उसे लोगों की नज़रों से बचाने के लिए उसकी पहचान छुपा रहे हों।
चूंकि, शांतनु नायडू, रतन टाटा के आखिरी समय में काफी वक्त तक उनके साथ रहे, इस वजह से उन्हें काफी पहचान मिली है। अब ज्यादातर प्रशंसक शांतनु की पार्टनर के बारे में जानने को उत्सुक हैं। बता दें कि शांतनु नायडू, फिलहाल पशुओं के लिए भारत का सबसे बड़ा विशेष अस्पताल चलाते हैं और टाटा मोटर्स में बड़ी पोस्ट पर हैं।
कैसे हुई दोस्ती
रतन टाटा से शांतनु नायडू की रतन टाटा से मुलाकात 2014 जानवरों के प्रति प्रेम के कारण हुई. दरअसल, रतन टाटा को डॉग से काफी लगाव था और उन दिनों शांतनु एक्सीडेंट से बेसहारा कुत्तों को बचाने के लिए उनके गले में रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाकर लगवाते थे, जिससे सड़क पर वाहन चलाते हुए ड्राइवर को यह कॉलर दिख जाता था और वह गाड़ी रोक देते थे। डॉग्स की जान बचाने के लिए शांतनु का यह आइडिया रतन टाटा को काफी पसंद आया। इसके बाद से वे गहरे दोस्त बन गए।
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