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    दुनिया की 25% GDP एक तरफ, इस मुगल बादशाह की संपत्ति एक तरफ; उस समय के भारत के आगे कहीं नहीं टिकते आज के अमेरिका और चीन

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 01:12 PM (IST)

    Mughal Empire wealth आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन एक समय था जब पूरे विश्व में भारत की तूती बोलती थी। हिंदुस्तान विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। भारत में कई ऐसे राजा और बादशाह हुए जिनके पास इतनी दौलत थी पूरे विश्व में उनका राज था।

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    दुनिया की 25 फीसदी GDP एक तरफ, इस मुगल बादशाह की संपत्ति एक तरफ

    नई दिल्ली। भारत। वो देश जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। एक समय था जब हमारा हिंदुस्तान दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। लेकिन फिर इसे विदेशी आक्रांताओं की नजर लग गई। महमूद गजनवी से लेकर अंग्रेजों के शासनकाल तक सभी ने भारत को लूटा। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रकाशित अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक की शोध रिपोर्ट के अनुसार 1765 से 1938 की अवधि के दौरान भारत से लगभग 45 ट्रिलियन डॉलर की दौलत भारत से ब्रिटेन पहुंचाया।

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    अंग्रेजों ने भारत से जितना धन लूटा वह वर्तमान में अमेरिकी की जीडीपी का 1.5 गुना है। और आज के यूके की यह 15 गुना है। अब आप इसी से भारत की अमीरी का अंदाजा लगा सकते हैं। भारत में एक ऐसा मुगल बादशाह हुआ जिसके पास पूरी दुनिया की 25 फीसदी संपत्ति थी। आइए जानते हैं कि वो  मुगल बादशाह कौन था, जिसके पास इतनी दौलत थी।

    वो मुगल बादशाह जिसके पास थी दुनिया की GDP की 25 फीसदी संपत्ति

    हम जिस मुगल बादशाह की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि मुगलों की तीसरी पीढ़ी के बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर थे। अकबर के पास इतना खजाना था कि पूछिए ही न। अकबर के समय में व्यापार के नए रास्ते खुले थे। टैक्स व्यवस्था भी बहुत टाइट थी। अकबर के शासनकाल में कारोबार यूरोपीय देशों तक फैला था।

    नहीं टिक पाते आज के चीन और अमेरिका

    उस समय बड़े-बड़े बिजनेसमैन अकबर से जुड़ना चाहते थे। रिपोर्ट बताती हैं कि उस समय अकबर के पास पूरी दुनिया का 25 फीसदी पैसा था। अकबर के पास इतना पैसा था कि आज का यूरोप, अमेरिका और चीन कहीं नहीं टिकते।

    रिपोर्ट बताती हैं कि अकबर के समय में रेवेन्यू  17.5 मिलियन पाउंड ( (193.15 करोड़ रुपये) था। 1600 ईस्वी के बाद 1800 के आस-पास ब्रिटेन के पास लगभग 16 मिलियन पाउंड का खजाना था। अकबर का साम्राज्य भारत के अलग-अलग क्षेत्रों तक फैला था।  इतिहासकार और अर्थशास्त्रियों की मानें तो अकबर के खजाने में बेशकीमती रत्न शामिल थे।