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    Wheat Procurement: पिछले साल से ज्यादा हुई गेहूं की खरीद, जानिए कितना है सरकार पास भंडा

    Updated: Fri, 24 May 2024 06:16 PM (IST)

    इस साल सरकार ने गेहूं की बंपर खरीद की है। मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं की खरीद पिछले साल के कुल 2.62 करोड़ टन से अधिक हो गई है। इसमें ज्यादातर हिस्सेदारी उत्तरी राज्यों की है। सरकार का कहना है कि गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक फिलहाल में केंद्रीय पूल में 600 लाख टन से अधिक है जो मौजूदा सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

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    सरकार ने फिलहाल गेहूं की खरीद पर रोक लगा रखी है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। इस साल सरकार ने गेहूं की बंपर खरीद की है। मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं की खरीद पिछले साल के कुल 2.62 करोड़ टन से अधिक हो गई है। इसमें ज्यादातर हिस्सेदारी उत्तरी राज्यों, खासकर पंजाब और हरियाणा की है, जहां से बड़े पैमाने पर गेहूं की सप्लाई हुई है।

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    22.31 करोड़ किसानों को MSP का लाभ

    सरकार ने एक बयान में बताया कि केंद्रीय पूल के लिए 262.48 लाख टन रबी (सर्दियों) का अनाज पहले ही खरीदा जा चुका है। इससे 59,715 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ 22.31 लाख किसानों को लाभ हुआ है। अगर खरीदारी करने वाले राज्यों की बात करें, तो सबसे अव्वल पंजाब रहा। उसके बाद हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नंबर रहा।

    इस बार आवक के हिसाब से खरीद

    गेहूं की खरीद आम तौर पर अप्रैल से मार्च तक चलती है। लेकिन केंद्र ने इस साल राज्यों को फसल की आवक के आधार पर खरीद करने की अनुमति दी है। अधिकांश राज्यों में गेहूं की खरीद मार्च की शुरुआत में शुरू हुई। सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2024-25 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 30-32 करोड़ टन तय किया है। धान की खरीद भी सुचारू रूप से चल रही है।

    खाद्यान्न जरूरतों के लिए पर्याप्त भंडार

    सरकार का कहना है कि गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक फिलहाल में केंद्रीय पूल में 600 लाख टन से अधिक है। इससे देश प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ बाजार के लिए अपनी खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में है।

    गेहूं निर्यात पर है प्रतिबंध 

    भारत गेहूं का बड़ा निर्यातक है। कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इसने कई देशों की जरूरतों को पूरा किया। लेकिन, अप्रैल 2022 में मौसम की गड़बड़ी के चलते फसल खराब हुई। उसके बाद सरकार ने मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जो अभी तक जारी है।