निवेशकों के लिए लजीज कैसे बना जोमैटो का स्टॉक, कहां तक जाएगा भाव
जोमैटो पर अधिकतर निवेशक बुलिश हैं। उनका मानना है कि फूड डिलीवरी मार्केट में जोमैटो का दबदबा बरकरार रहने वाला है। ब्लिंकिट के साथ जोमैटो क्विक कॉमर्स बिजनेस में भी कमाल कर रहा है। यही वजह है कि बहुत से ब्रोकरेज जोमैटो पर काफी बुलिश हैं। उन्होंने जोमैटो के लिए 230 रुपये से 300 रुपये तक का टारगेट प्राइस सेट कर रखा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब के मुक्तसर एक नौजवान था। साल 2005 में उसकी जॉब लगी। वो भी मल्टीनैशनल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म बेन एंड कंपनी (Bain & Company) में। सबकुछ सही चल रहा था, मसला था बस खाने का। ऑफिस कैफेटेरिया में लंच टाइम में भीड़ लग जाती। मेन्यू देखने के लिए लंबी कतार लग जाती। बर्बाद तो बर्बाद ही होता, कई बार ढंग का खाना भी नहीं मिलता।
इस मुश्किल से निपटने के लिए उस नौजवान ने एक आइडिया निकाला। उसे पहले हम फूडीबे (Foodiebay) और अब जोमैटो के नाम से जानते हैं। वही फूड डिलीवरी करने वाला जौमैटो, जिसने पिछले एक साल अपने निवेशकों को 250 प्रतिशत से अधिक का मुनाफा डिलीवर किया है।
और इसकी नींव रखने वाले नौजवान का नाम था, दीपिंदर गोयल। इस वक्त देश के सबसे बड़े फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के फाउंडर। दीपिंदर ने अपने ऑफिस कैफेटेरिया का मेन्यू स्कैन किया। एक वेबसाइट बनाई और उस मेन्यू डाल दिया। फॉर्मूला हिट रहा। यहीं से एक कदम आगे बढ़कर दीपिंदर ने जोमैटो की शुरुआत की। इससे न सिर्फ दीपिंदर, बल्कि लाखों निवेशकों की तकदीर भी बदल गई।
जोमैटो के शेयरों का टारगेट प्राइस
ब्रोकर |
रेटिंग | टारगेट प्राइस |
ICICI सिक्योरिटीज | बाय | 300 रुपये |
यूबीएस | बाय | 250 रुपये |
CLSA | बाय | 248 रुपये |
नुवामा | बाय | 245 रुपये |
जेफरीज | बाय | 230 रुपये |
जोमैटो पर अधिकतर निवेशक बुलिश हैं। उनका मानना है कि फूड डिलीवरी मार्केट में जोमैटो का दबदबा बरकरार रहने वाला है। ब्लिंकिट के साथ जोमैटो क्विक कॉमर्स बिजनेस में भी कमाल कर रहा है। यही वजह है कि बहुत से ब्रोकरेज जोमैटो पर काफी बुलिश हैं। उन्होंने जोमैटो के लिए 230 रुपये से 300 रुपये तक का टारगेट प्राइस सेट कर रखा है। मंगलवार को जोमैटो के शेयर 2.23 फीसदी उछाल के साथ 208.52 रुपये पर बंद हुए। पिछले 1 महीने के दौरान इसने करीब 20 फीसदी का रिटर्न दिया है।
बुरे दौर गुजर चुका है जोमैटो
जोमैटो का आईपीओ जुलाई 2021 में आया था। इश्यू प्राइस 76 रुपये प्रति शेयर था। अगले चार महीने में जोमैटो ने 169 रुपये का हाई भी बना लिया। लेकिन, फिर उसका बुरा दौर आया। आईपीओ के ठीक एक साल बाद जोमैटो का शेयर गिरकर 41 रुपये आ गया। यह कोविड का दौर था। तई लोगों को लगा कि लॉकडाउन से जुड़ी बंदिशें खत्म होने के बाद ऑनलाइन फूड डिलीवरी का कोई खास भविष्य नहीं है।
लेकिन, जोमैटो ने वहां से दमदार वापसी की। उसने 2022 में इंस्टैंट ग्रोसरी डिलीवरी करने वाले ग्रोफर्स को खरीदा, करीब साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये में। वहां से जोमैटो की तकदीर बदल गई। उसने ग्रोफर्स का नाम बदलकर ब्लिंकिट (Zomato-Blinkit Deal) किया और क्विक कॉमर्स बिजनेस को आक्रामक तरीके से बढ़ाया। एक ही साल में तस्वीर बदल गई। उसके शेयरों का फिर से 150 के पार पहुंच गया।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। कोई शेयर खरीदने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें।)