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    मझगांव डॉक और GRSE के शेयरों में बड़ी गिरावट, किस वजह से खौफ में हैं निवेशक?

    Updated: Tue, 20 Aug 2024 05:14 PM (IST)

    मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और GRSE शिप और इससे जुड़ी सेवाएं मुहैया कराती हैं कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) की तरह। ये नेवी के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाती हैं। साथ ही ऑफशोर ऑयल ड्रिलिंग के लिए जहाजों की मैन्युफैक्चरिंग भी करती हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजे अच्छे रहे और इनके पास हेल्दी ऑर्डर भी है। आइए जानते हैं कि फिर दोनों कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट क्यों आ रही है।

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    मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और GRSE शिप और इससे जुड़ी सेवाएं मुहैया कराती हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) के शेयरों ने पिछले कुछ महीनों में करिश्माई रिटर्न दिया है। मझगांव डॉक का शेयर 2022 में 200 रुपये के करीब था, लेकिन इस साल जुलाई में 5,860 रुपये के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया। इसी तरह GRSE का शेयर भी 2020 में 200 रुपये के आसपास भट रहा था। इसने भी जुलाई में 2,833.80 रुपये का ऑल टाइम हाई बनाया। लेकिन, अब इन दोनों कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट आ रही है।

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    मझगांव डॉक, GRSE के शेयरों में गिरावट की वजह

    पिछले हफ्ते घरेलू ब्रोकरेज ICICI सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें मझगांव डॉक और GRSE को 'Sell' की रेटिंग यानी बेचने की सलाह दी गई थी। उसने 16 अगस्त की अपनी रिपोर्ट में दोनों कंपनियों में करीब 70 फीसदी गिरावट आने का अनुमान जताया था। उसके बाद लगातार दो कारोबारी सत्रों में मझगांव डॉक और GRSE के शेयरों क्रमश: 12 फीसदी और 7.4 फीसदी की गिरावट आई है।

    ICICI सिक्योरिटीज ने मझगांव डॉक के लिए 1,165 रुपये का टारगेट प्राइस दिया, जो 77 फीसदी की संभावित गिरावट का संकेत देता है। वहीं, जीआरएसई के लिए ब्रोकरेज ने 515 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस हिसाब से इसमें 74 फीसदी की गिरावट आएगी।

    क्या करती हैं मझगांव डॉक और GRSE

    मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और GRSE शिप और इससे जुड़ी सेवाएं मुहैया कराती हैं, कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) की तरह। ये नेवी के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाती हैं। साथ ही, ऑफशोर ऑयल ड्रिलिंग के लिए जहाजों की मैन्युफैक्चरिंग भी करती हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजे अच्छे रहे और इनके पास हेल्दी ऑर्डर भी है। लेकिन, ICICI सिक्योरिटीज का मानना है कि इन्हें अपना ऑर्डर पूरा करने में काफी देरी होगी और इसमें बांग्लादेश संकट की वजह से भी दिक्कतें होंगी।

    (यह आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। कोई भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।)

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