Simone Tata कौन थीं? Lakme, Trent जैसे बड़े ब्रांड को दिलाई सक्सेस; 95 साल की उम्र में हुआ निधन
नोएल टाटा की मां और टाटा ग्रुप की पूर्व चेयरमैन सिमोन टाटा का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थीं और मुंबई के एक अस्पताल में उन्ह ...और पढ़ें

नोएल टाटा की मां और टाटा ग्रुप की पूर्व चेयरमैन सिमोन टाटा का निधन हो गया है।
नई दिल्ली। नोएल टाटा की मां और टाटा ग्रुप की पूर्व चेयरमैन सिमोन टाटा (Simone Tata Passes Away) का निधन हो गया है। उनकी उम्र 95 साल थी। उनका आज शुक्रवार सुबह निधन हो गया। सिमोन टाटा लंबी बीमारी से ग्रस्त थी। दुबई के किंग्स अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें इस अगस्त के शुरू में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल लाया गया था।
रतन टाटा (Ratan Tata Stepmother) की सौतेली मां टाटा के परिवार में उनके पुत्र नोएल , उनकी पत्नी आलू मिस्त्री और पोते-पोतियां नेविल, माया और लिआ हैं।
उन्होंने अपने जीवन की कई चुनौतियों का सामना किया। वह टाटा ग्रुप में एक मजबूत विरासत छोड़ गई हैं, जिन्होंने 1990 के दशक में हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेचे जाने से पहले, लक्मे के शुरुआती दशकों में उसका मार्गदर्शन किया था।
टाटा समूह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "उन्हें भारत के अग्रणी कॉस्मेटिक ब्रांड के रूप में लैक्मे के विकास में उनके योगदान और वेस्टसाइड श्रृंखला के साथ फैशन रिटेल की नींव रखने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने सर रतन टाटा संस्थान सहित कई परोपकारी संगठनों के कार्यों का मार्गदर्शन भी किया।"
पर्यटक के रूप में आई भारत और टाटा से शादी
साल 1930 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में जन्मी सिमोन पहली बार 1953 में एक पर्यटक के रूप में भारत आई थीं। उन्होंने जिनेवा विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। 1955 में, उन्होंने नवल एच. टाटा से विवाह किया और 1960 के दशक की शुरुआत में टाटा समूह के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की।
वह साइरस मिस्त्री के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाली टाटा परिवार की एकमात्र सदस्य के रूप में सुर्खियों में आईं। साल 2022 में उस समय टाटा परिवार और मिस्त्री के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इस कदम को व्यापक रूप से देखा गया।
सिमोन टाटा ने 1962 में टाटा समूह के व्यावसायिक जगत में प्रवेश किया जब उन्हें लैक्मे बोर्ड में नियुक्त किया गया। उस समय, लैक्मे, टाटा ऑयल मिल्स की एक सहायक कंपनी थी। लैक्मे को सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में एक अग्रणी ब्रांड बनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।
कब हिंदुस्तान लीवर को बेचा
साल 1996 में, टाटा ने लैक्मे को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (एचएलएल) को बेच दिया। इससे प्राप्त राशि का उपयोग ट्रेंट की स्थापना में किया गया, जिससे टाटा के प्रसिद्ध वेस्टसाइड ब्रांड का निर्माण हुआ, जिसका संचालन ट्रेंट लिमिटेड के अधीन होता है। वह 2006 तक ट्रेंट की गैर-कार्यकारी अध्यक्ष रहीं।
सिमोन टाटा सर रतन टाटा संस्थान की चेयरमैन भी रहीं। वह एक फ्रांसीसी संस्थान से संबद्ध, मान्यता प्राप्त धर्मार्थ संगठन, चिल्ड्रन ऑफ द वर्ल्ड इंडिया (CWI) की ट्रस्टी भी थीं। वह इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स की भी ट्रस्टी थीं, जो भारत में कला की क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित था।

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