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    PM Vishwakarma Yojana: ट्रेनिंग के साथ मिलता है 2 लाख रुपये तक का लोन, किन्हें मिलता है इस स्कीम का फायदा

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 04:39 PM (IST)

    PM Vishwakarma Yojana पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत साल 2023 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश की कारीगरों को प्रोत्साहन कर उन्हें रोजगार प्रदान करना है। इस स्कीम के तहत कारीगारों को ट्रेनिंग के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी दी जाती है। इस योजना में 2 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। चलिए इसके बारे में डिटेल में जानते हैं।

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    PM Vishwakarma Yojana में किन्हें मिलता है फायदा ?

     बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 1 फरवरी 2023 में पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देश के कारीगरों को प्रोत्साहन देना है। इसके साथ ही उन्हें रोजगार प्रदान भी करना है।

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    योजना की वेबसाइट की मानें तो ये पहली ऐसी स्कीम है, जो कारीगरों के लिए खास तौर पर डिजाइन की गई है। इस स्कीम के तहत सरकार ट्रेनिंग के साथ-साथ 2 लाख रुपये तक का लोन भी देती है। स्कीम के बारे में अधिक जानने से पहले, ये देखते है कि कौन- से लोग स्कीम के लिए योग्य है या इस स्कीम का फायदा किन्हें मिल सकता है।

    किन्हें मिलेगा स्कीम का फायदा?

    आवेदनकर्ता की उम्र 18 साल या उससे ज्यादा होना चाहिए। जिसका मतलब है कि बालिग ही स्कीम का फायदा ले सकते हैं।

    वहीं आवेदनकर्ता का ये फैमली काम हो। यानी दादा या परदादा कारीगरी से जुड़े हुए हो।

    परिवार में से कोई एक ही स्कीम का फायदा उठा सकता है। इस स्कीम के तहत एक परिवार में माता-पिता और बच्चों को शामिल किया गया है।

    किन्हें नहीं मिलता है लाभ?

    योजना की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक अगर व्यक्ति बिजनेस या कारीगरी के लिए पहले से किसी स्कीम से फायदा ले रहा है। तो ऐसी स्थिति में उसे पीएम विश्वकर्मा योजना का फायदा नहीं मिलता है। इस स्कीम में केंद्रीय और राज्य दोनों को ही शामिल किया गया है।

    अगर आवेदनकर्ता के परिवार में से कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में हो, तो उन्हें भी स्कीम का फायदा नहीं मिल पाता है।

    क्या-क्या मिलते हैं फायदे?

    पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदनकर्ता को पहले ट्रेनिंग प्रदान की जाती है। ये ट्रेनिंग लगभग 15 दिनों की होती है। ट्रेनिंग के दौरान व्यक्ति को 500 रुपये स्टाइपेंड के रूप में दिए जाते हैं। वहीं ट्रेनिंग पूरी होते ही आप एक लाख रुपये तक के लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

    इसके साथ ही एक लाख रुपये का लोन का भुगतान होने के बाद 2 लाख रुपये तक लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

    मशीनी वर्क आने के बाद हस्तशिल्पकारों की कमाई कम हो गई है। क्योंकि मशीन के जरिए कम समय में ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बनाया जा सकता है। वहीं इनकी कीमत भी सस्ती होती है।  जिसकी वजह से मशीनी काम ने कारीगारों को हटा दिया है। हालांकि अभी भी कई लोगों को हाथ से बनाई हुई कारगरी ही पसंद आती है।