AGR बकाया पर फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची वोडाफोन आइडिया, मंत्रालय के कैलकुलेशन पर उठाए सवाल, की ये बड़ी मांग
वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से एजीआर बकाया की दोबारा जांच करने की मांग की है। कंपनी ने कहा कि 2017 से एजीआर रीकैलकुलेट किया जाए। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया पर ब्याज का भुगतान करने से छूट की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।

नई दिल्ली। AGR बकाया मामले में बार-बार सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब एक बार फिर से टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि, इस बार कंपनी ने एजीआर बकाया या उस पर ब्याज राहत को लेकर गुहार नहीं लगाई है, बल्कि कोर्ट से मांग की है कि वह एजीआर बकाया का रिकैलकुलेशन करे। दरअसल, वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें संशोधित समायोजित सकल राजस्व (AGR) के पीछे के कैलकुलेशन को चुनौती दी गई है, और मांग की गई है कि वित्त वर्ष 2017 तक के बकाये के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा की गई अतिरिक्त कर मांगों को रद्द किया जाए।
कर्ज और नकदी संकट से जूझ रही वोडाफोन आइडिया के लिए एजीआर एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। पिछले कुछ सालों में एजीआर बकाये से जुड़ी चिंताओं के कारण कंपनी के शेयरों में काफी गिरावट देखने को मिली है। 9 सितंबर को भी वोडाफोन आइडिया के शेयर मामूली गिरावट के साथ 7.27 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने टेलिकॉम कंपनियों की ओर से दायर रिट याचिकाओं को खारिज कर इस कदम को "चौंकाने वाला" बताया और कहा कि याचिकाएं "गलत धारणा" पर आधारित हैं। दरअसल, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने अपने एजीआर बकाया पर ब्याज भुगतान से राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, पीठ ने अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया और उनकी अपील के आधार पर भी सवाल उठाया।
दूरसंचार विभाग ने हाल ही में वित्त वर्ष 2017 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त एजीआर (AGR) की मांग की है और आइडिया सेल्युलर समूह व वोडाफोन आइडिया के लिए वित्त वर्ष 2019 तक के बकाया लाइसेंस शुल्क को संशोधित किया है। ये संशोधित बकाया एजीआर भुगतान पर सरकार की रोक के दायरे में थे, जो 31 मार्च, 2026 को समाप्त हो रही है, जिसके बाद वोडाफोन आइडिया को किश्तें चुकानी शुरू करनी होंगी।
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