Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Breaking News: वोडाफोन आइडिया को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर छूट देने से किया इनकार

    वोडाफोन आइडिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।कोर्ट ने एजीआर (Vi AGR relief denial) बकाया पर ब्याज पेनल्टी और पेनल्टी पर ब्याज से छूट देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को भी इस मामले में राहत नहीं दी है। इससे पहले कंपनी ने कहा था कि अगर उसे राहत नहीं मिली तो वह चालू वित्त वर्ष के आगे काम नहीं कर पाएगी।

    By Mansi Bhandari Edited By: Mansi Bhandari Updated: Mon, 19 May 2025 02:07 PM (IST)
    Hero Image
    वोडाफोन आइडिया को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर छूट देने से किया इनकार

     नई दिल्ली। देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Vodafone idea) से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की ओर से एजीआर बकाया पर ब्याज, पेनल्टी और पेनल्टी पर ब्याज से छूट मांगने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले,

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वोडाफोन आइडिया ने दावा किया था कि अगर उसे राहत नहीं मिली तो वह मार्च 2026 के आगे काम जारी नहीं रख पाएगी।

    जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की और दूरसंचार कंपनियों को राहत देने से इनकार कर दिया। इस फैसले से एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज पर ज्यादा असर तो नहीं पड़ेगा, लेकिन वोडाफोन आइडिया पर इससे ताला पड़ सकता है।

    सोमवार को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली और यह 8.41 फीसदी गिरावट के साथ 6.75 रुपए पर बंद हुआ।

    बता दें, पिछले हफ्ते वोडाफोन आइडिया ने सरकारी बकाए पर छूट के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने फिर से याचिका दायर की थी। वोडाफोन आइडिया बनाम भारत सरकार वाली इस याचिका में कंपनी ने कहा था कि बैंक फंडिंग के बिना कंपनी वित्त वर्ष 2025-26 से आगे काम नहीं कर पाएगी, क्योंकि उसके पास मार्च 2026 में देय दूरसंचार विभाग को 18,000 करोड़ रुपये की एजीआर किस्त का भुगतान करने की क्षमता नहीं है।

    वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से 83,400 करोड़ रुपये के लंबित एजीआर बकाये पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज से छूट मांगी थी, जो कुल मिलाकर 45,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इन भुगतानों पर सरकार ने कंपनी को चार साल का मोरटोरियम दिया था, जो आगामी सितंबर में समाप्त हो रहा है।

    कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने के बाद कंपनी ने फिर से लोन के लिए बैंकों से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने एजीआर की किस्तों का समाधान होने नया लोन देने में असमर्थता जताई है।

    बता दें, देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया रिलायंस जियो के आगमन के बाद से परेशानी से जूझ रही है। केंद्र सरकार ने कंपनी को राहत देने के लिए उसके कुछ बकाये को इक्विटी में बदलकर ले लिया, जिससे सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी 49% हो गई है।

    वोडाफोन आइडिया पर सरकार का स्पेक्ट्रम बकाया करीब 1.19 लाख करोड़ रुपये है, जबकि 83,400 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। इस तरह कंपनी का कुल सरकारी बकाया 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया।