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    भारत की विमानन ग्रेडिंग घटाने पर अड़ा एफएए

    By Edited By:
    Updated: Tue, 21 Jan 2014 08:15 PM (IST)

    नई दिल्ली। देवयानी खोबरागडे प्रकरण के कारण भारत व अमेरिका के रिश्तों में आई खटास का असर कहें या कुछ और, लेकिन अमेरिका की ओर से भारत को विमानन क्षेत्र में नया सबक देने की तैयारी है। अमेरिकी विमानन नियामक [एफएए] ने भारतीय नियामक डीजीसीए के ऑडिट के आधार पर भारत की विमानन ग्रेडिंग घटाने के संकेत दिए हैं।

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    नई दिल्ली। देवयानी खोबरागडे प्रकरण के कारण भारत व अमेरिका के रिश्तों में आई खटास का असर कहें या कुछ और, लेकिन अमेरिका की ओर से भारत को विमानन क्षेत्र में नया सबक देने की तैयारी है। अमेरिकी विमानन नियामक [एफएए] ने भारतीय नियामक डीजीसीए के ऑडिट के आधार पर भारत की विमानन ग्रेडिंग घटाने के संकेत दिए हैं।

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    अमेरिकी नियामक फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने सितंबर में भारत के विमानन नियामक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का ऑडिट किया था। इसमें 33 मामलों में खामियां पाई गई थीं। इनमें योग्य फ्लाइट ऑपरेशंस और केबिन सेफ्टी इंस्पेक्टरों, प्रशासनिक अधिकारियों और निदेशकों की कमी के अलावा हितों के टकराव का मसला अहम था।

    एफएए का कहना था कि डीजीसीए की ओर से फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों के रूप में एयरलाइनों के पायलटों की भर्ती करना उचित नहीं है। इसके अलावा एफएए ने पायलटों के हेल्थ चेकअप की व्यवस्था पर भी एतराज जताया था। एफएए ने इन खामियों को दुरुस्त करने के लिए तीन महीने का समय दिया था।

    तीन महीने बाद दिसंबर में जब एफएए की टीम पुन: भारत आकर डीजीसीए का ऑडिट किया तो ज्यादातर चीजें तो ठीक हो गई थीं, परंतु सात मामलों में हालात जस के तस थे। हितों के टकराव का मामला इनमें से एक था। इस के बावजूद तब डीजीसीए के अधिकारियों ने आशा जताई थी कि जनवरी में जब एफएए की रिपोर्ट आएगी तो भारत अपनी कैटेगरी-1 की ग्रेडिंग बरकरार रखने में कामयाब रहेगा। कैटेगरी-1 का मतलब है उच्च स्तर की विमानन सुरक्षा। और भारत को यह ग्रेडिंग लंबे अरसे से प्राप्त है।

    मगर अब इसके डाउनग्रेड होने के आसार नजर आ रहे हैं। एफएए के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि भारत की ग्रेडिंग को घटाकर कैटेगरी-2 किया जा सकता है। क्योंकि हितों के टकराव का मुद्दा काफी गंभीर है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।

    एफएए की टीम हर देश में जाकर वहां विमानन सुरक्षा इंतजामों की जांच करती है। यह जांच संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (आइसीएओ) के ऑडिट के अतिरिक्त होती है। अमेरिका नहीं चाहता कि किसी देश में खराब विमानन नियमन के कारण अमेरिकी यात्रियों की जान खतरे में पड़े। सितंबर के बाद जब एफएए ने डीजीसीए पर डाउनग्रेडिंग का दबाव बनाया था तो भारत ने बोइंग ड्रीमलाइनरों में खामियां गिनाकर जवाबी दबाव बनाने की कोशिश की थी। दिसंबर के एफएए ऑडिट के बाद देवयानी प्रकरण ने भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है।