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    'अमेरिका ने भारत को गंवा दिया', साथ आ सकते हैं रूस-भारत और चीन; उल्टा पड़ सकता है ट्रंप टैरिफ दांव!

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाकर सब कुछ गंवा (Trump tariff fallout) दिया है। दोनों देश भले ही एक-दूसरे पर आंख-मूंदकर भरोसा नहीं करते थे लेकिन फिर भी वो एक मजबूत रणनीतिक रिश्ता बनाने में कामयाब रहे थे। इस रिश्ते को फिर से बनाने में काफी वक्त लगेगा और ट्रंप के राष्ट्रपति रहने तक ऐसा होना मुश्किल है।

    By Ankit Kumar Katiyar Edited By: Ankit Kumar Katiyar Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:58 PM (IST)
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    ट्रंप के टैरिफ को लेकर पश्चिमी मीडिया ने बड़ा दावा किया है।

    नई दिल्ली| भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ (Trump 50% tariff) लागू होने की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पश्चिमी मीडिया का कहना है कि टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत ( US-India relations) को खो दिया और अमेरिका के हितों के लिहाज से इसके नतीजे बेहद बुरे हो सकते हैं।

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    भारत पर ट्रंप के टैरिफ की इसलिए भी ज्यादा चर्चा हो रही है, क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रे्ड पार्टनर हैं और दोनों देशों के संबंध रणनीतिक भागीदारी (US-India trade tensions) के स्तर पर हैं। अमेरिकी मीडिया में भी भारत पर टैरिफ को लेकर हैरानी है और अमेरिकी ब्रॉडकास्टर सीएनएन ने भारत पर टैरिफ की खबर को प्रमुखता से कवर किया है।

    अमेरिका में और बढ़ेंगी कीमतें सीएनएन ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत को खो दिया है और इसका नतीजा बहुत बुरा होने वाला है। 

    लेख में कहा गया कि रूसी तेल (india russia oil trade) की खरीद को लेकर ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए स्वीकार करना खास तौर पर मुश्किल रहा है।

    ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों नेताओं के रिश्ते बहुत अच्छे थे। विश्लेषकों का कहना है कि भारत को खोना अमेरिकी हितों के लिए बेहद बुरा साबित होने वाला है। 

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    'ट्रंप हैं कि समझ ही नहीं रहे'

    सीएनएन की एक अलग खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इससे अमेरिका के सबसे अहम व्यापारिक साझेदारों में से एक भारत के साथ रिश्ता मुश्किल में पड़ गया है।

    अमेरिका में भारत से आने वाले सामान की कीमतें भी बढ़ गईं हैं। भारत पर टैरिफ से अमेरिका को भी नुकसान हो रहा है, लेकिन ट्रंप यह बात समझ नहीं रहे हैं। 

    सीएनएन ने अमेरिका में हो रहे नुकसान पर लिखा है कि भारत पर लगाए गए टैरिफ से अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता पहले से महंगाई का सामना कर रहे हैं। लेबर मार्केट की हालत खराब है। भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ने से स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

    भारत के लिए ट्रंप पर भरोसा करना मुश्किल ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन ने ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ को भारत अमेरिका के संबंधों में अब तक की सबसे बड़ी क्षति बताया है। 

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    'ट्रंप ने सबकुछ गंवा दिया'

    एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि ट्रंप ने सब कुछ गंवा दिया है। दोनों देश भले ही एक-दूसरे पर आंख-मूंदकर भरोसा नहीं करते थे लेकिन फिर भी वो एक मजबूत रणनीतिक रिश्ता बनाने में कामयाब रहे थे। इस रिश्ते को फिर से बनाने में काफी वक्त लगेगा और ट्रंप के राष्ट्रपति रहने तक ऐसा होना मुश्किल है। 

    अखबार ने लिखा है कि ट्रंप के टैरिफ को लेकर भारत में विद्रोही माहौल है। पीएम मोदी की सरकार ने रूस से तेल की खरीद रोकने से इनकार कर दिया है और वह लोगों से देश में बनी वस्तुएं खरीदने की अपील कर रहे हैं। 

    द गार्डियन के राजनीतिक संपादक पैट्रिक विन्टार ने एक लेख में कहा है कि ट्रंप टैरिफ के जरिए अपनी राजनीतिक और आर्थिक ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ब्राजील और भारत जैसे देश मिल कर उनका विरोध कर रहे हैं। 

    ब्राजील, रूस, भारत और चीन का विरोध

    हाल के हफ्तों में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं ने इस पर विरोध जताया है। यह दिखाता है कि ट्रंप का टैरिफ दांव किस तरह से उलटा पड़ सकता है। कई देश मिल कर प्रतिरोध की एक धुरी बना सकते हैं और ट्रंप की ताकत को दरकिनार कर सकते हैं।

    समाचार एजेंसी रॉयटर ने लिखा है कि टैरिफ को लेकर दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों और रणनीतिक साझेदारों में तनाव बढ़ गया है।