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    Trump का दिल पिघला, चीन को मिली टैरिफ के लिए 90 दिन की छूट; देखें पूरी खबर

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 10:50 AM (IST)

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ (Trump Tariff) के चलते चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में अमेरिका की ओर से ये घोषणा हुई कि चीन (US- China Trade) पर लगने वाले टैरिफ को लेकर डेडलाइन बढ़ा दी गई है। चीन को 90 दिन की छूट मिली है। डोनाल्ड ट्रंप चीन पर काफी मेहरबान नजर आ रहा है। आइए जानते हैं कि इसे लेकर पूरी खबर क्या है?

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    ट्रंप का चीन को तोहफा टैरिफ डेडलाइन 90 दिन के लिए बढ़ी

     नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार की चीन के गुड्स पर लगने वाले टैरिफ (Trump Tariff) की डेडलाइन 90 दिन के लिए बढ़ा दी है। ये खबर अमेरिका के वाइट हाउस से मीडिया संस्थान को मिली है।

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    चीन पर लगने वाला टैरिफ मंगलवार यानी आज से लागू होने वाला था। लेकिन कुछ घंटे पहले ही वाइट हाउस से ये जानकारी मिलती है कि चीन पर लगने वाले टैरिफ की डेडलाइन नवंबर यानी 90 दिन तक बढ़ा दी गई है।

    चीन पर लगाया था 145% टैरिफ

    अप्रैल के समय चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर अपनी चरम सीमा पर था। उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। चीन की ओर से भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी वस्तुओं पर 125% शुल्क लगा दिया था।

    बातचीत में क्या निष्कर्ष निकला?

    मई में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में दोनों पक्षों के बीच टैरिफ को लेकर पहली बैठक हुई। दोनों पक्षों की ओर से टैरिफ को रोकने को लेकर जोर दिया गया। अमेरिका ने अपने टैरिफ घटाकर 30% कर दिया। वहीं चीन ने अपने शुल्क घटाकर 10% कर दिया।

    क्या होता है Tariff?

    टैरिफ एक तरह का टैक्स ही है, जो कोई भी देश अपने आयात पर वसूलता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट उस देश की सीमा में बनाए जाएं। वहीं देश के कारीगरों, किसानों और व्यापारियों को किसी तरह का नुकसान न हो।

    उदाहरण से समझें

    WITS की वेबसाइट के अनुसार भारत, चीन से ज्यादातर वस्तुओं पर 30 फीसदी टैरिफ वसूलता है। मान लीजिए चीन भारत को कोई वस्तु बेचना (निर्यात) चाहता है, तो भारत उस वस्तु को खरीदने (निर्यात) के लिए उस पर टैरिफ वसूलेगा।

    टैरिफ एक तरह से निर्यात-आयात पर लगने वाला टैक्स ही है। अब भारत टैरिफ (टैक्स) इसलिए वसूल रहा है, ताकि बड़े-बड़े व्यापारी कम वस्तु अन्य देशों से खरीदे और ज्यादा- ज्यादा चीजें भारत में ही बने। इससे भारत में रोजगार पैदा होगा और छोटे कारीगरों के हितों की रक्षा होगी।

    इस तरह से वो देश Trade Deficit को भी बनाए रखेगा। अब अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के बारे में बात करते हैं।

    क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

    अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है कि कई देश उनसे कई गुना तक टैरिफ वसूलते हैं। उन्होंने मीडिया में एक बयान में भारत की ज्यादा टैरिफ लेने पर आलोचना की थी। डोनाल्ड ट्रंप की मानें तो उन देशों पर ये रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है, जो उनसे लंबे समय से अधिक मात्रा में टैरिफ वसूल रहे हैं। रेसिप्रोकल टैरिफ इसलिए क्योंकि ये एक तरह से सामने वाले देश के टैरिफ के बदले टैरिफ है। ऐसे भी समझ सकते हैं कि टैक्स के बदले टैक्स।