UPI: पैसे के लेन-देन में सहूलियत का दूसरा नाम 'यूपीआई', आखिर क्या है इसकी लोकप्रियता का राज
UPI को 2016 में लॉन्च किया था। उपयोग में आसान और निशुल्क होने के कारण यह लेन-देन का लोकप्रिय माध्यम बन गया है। मौजूदा समय में यूपीआई देश का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला डिजिटल नेटवर्क है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में यूपीआई (UPI) का बहुत अहम योगदान है। यूपीआई (UPI) के दम पर ही भारत एशिया में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में डिजिटल लेन-देन के मामले में आगे निकल गया है। अगस्त 2022 में यूपीआई ने अपने नाम एक और कीर्तिमान हासिल किया है।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, अगस्त 2022 में यूपीआई ने 6,580 मिलियन (6.58 अरब) लेन-देन के आंकडे़ को पार कर लिया है। इस दौरान इसकी कुल वैल्यू करीब 10.73 लाख करोड़ रुपये रही, जोकि यूपीआई से लेन-देन करने का अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।
यूपीआई का नेटवर्क
मौजूदा समय में यूपीआई देश का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला डिजिटल नेटवर्क है। इसकी मदद से आप छोटी से छोटी राशि का लेन-देन भी केवल एक क्लिक पर कर सकते हैं। इस कारण से आज लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। एनपीसीआई की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा समय में देश में हो रहे कुल डिजिटल लेनदेन का 40 फीसदी हिस्सा यूपीआई के जरिए ही आता है और कुल 338 बैंक यूपीआई के नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
पिछले एक साल में दोगुना हुआ यूपीआई से लेन-देन
पिछले एक साल देश में यूपीआई के जरिए होने वाले लेनदेन (UPI Transactions) में बड़ी बढ़त देखने को मिली है। अप्रैल 2021 में यूपीआई से 2,641 मिलियन (2.6 अरब) लेनदेन हुए थे, जिनकी कुल वैल्यू करीब 4.94 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं, अप्रैल 2022 में इन लेनदेन की संख्या बढ़कर 5,583 मिलियन (4.9 अरब) तक पहुंच गई थी, जिसकी कुल वैल्यू 9.83 लाख करोड़ रुपये थी।
IMPS का भी उपयोग बढ़ा
यूपीआई के साथ-साथ आईएमपीएस से लेनदेन में भी बढ़त देखी जा रही है। अगस्त में देश में आईएमपीएस लेनदेनों की संख्या बढ़कर 46.69 करोड़ पर पहुंच गई है, जिसकी कुल वैल्यू 4.45 लाख करोड़ रुपये है। पिछले महीने 4.44 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के 46.08 करोड़ लेन-देन हुए थे।
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