Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UPI News: 2024 की पहली छमाही में यूपीआई ने तोड़े ट्रांजैक्शन के सभी रिकॉर्ड

    Updated: Thu, 10 Oct 2024 07:02 PM (IST)

    देश में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface-UPI) का चलन तेजी से बढ़ा है। देश के हर कोने में लोग छोटे-बड़े ट्रांजैक्शन के लिए UPI ऐप यूज कर रहे हैं। यूपीआई का सुविधाजनक होने के साथ मुफ्त भी है। यही वजह है कि इसका इस्तेमाल लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जनवरी-जून 2024 के दौरान यूपीआई के जरिये 78.97 अरब लेनदेन हुए हैं।

    Hero Image
    जनवरी 2023 में यूपीआई के जरिये 8.03 अरब लेनदेन हुए थे।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये लेनदेन में तेज वृद्धि रही है। पेमेंट टेक्नोलॉजी सेवाप्रदाता व‌र्ल्डलाइन की ओर से गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-जून 2024 के दौरान यूपीआई के जरिये 78.97 अरब लेनदेन हुए हैं। इसमें पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रिपोर्ट में कहा गया है कि पेमेंट बाजार में यूपीआई का दबदबा बना हुआ है और तेजी से अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन के मूल्य में 40 प्रतिशत की वृद्धि रही है। जनवरी-जून 2024 के दौरान 116.63 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं जिनका मूल्य 2023 की समान अवधि में 83.16 लाख करोड़ रुपये था।

    रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 में यूपीआई के जरिये 8.03 अरब लेनदेन हुए थे, जिनकी संख्या जून 2024 में बढ़कर 13.9 अरब रही है। जनवरी 2023 में 12.98 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए थे। इस वर्ष जून में इनका मूल्य 20.07 लाख करोड़ रुपये रहा है। मूल्य और लेनदेन के लिहाज से यूपीआई पेमेंट में फोनपे शीर्ष पर रहा है।

    इसके बाद गूगल पे और पेटीएम का नंबर आता है। हालांकि, पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन का औसत टिकट साइज आठ प्रतिशत घटा है। 2023 की पहली छमाही में यूपीआई लेनदेन का औसत टिकट साइज 1,603 रुपये था, जो 2024 में समान अवधि में 1,478 रुपये रहा है।

    क्या यूपीआई का इस्तेमाल घटाएंगे लोग?

    पिछले दिनों लोकलसर्किल्स (LocalCircles) का एक सर्वे आया था। इसमें यूपीआई के बारे में कई दिलचस्प बातें निकलकर सामने आईं। सर्वे के मुताबिक, अगर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई फीस लगाई जाती है, तो लगभग 75 फीसदी यूजर्स इसका इस्तेमाल बंद करेंगे।

    सर्वे से यह भी बताता है कि 38 फीसदी लोग यूपीआई पर काफी ज्यादा निर्भर हैं। वे अपने टोटल ट्रांजैक्शन में से 50 फीसदी से अधिक यूपीआई के जरिए ही करते हैं। बाकी में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या अन्य डिजिटल माध्यम हैं।

    दरअसल, इस तरह की खबरें आई थी कि सरकार यूपीआई से लेनदेन पर टांजैक्शन फीस लगा सकती है। इस पर जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में भी चर्चा हुई। हालांकि, काउंसिल ने अगली मीटिंग के लिए इस पर फैसला टाल दिया दिया।

    यह भी पढ़ें : TCS Q2 Results: टाटा ग्रुप की टीसीएस का मुनाफा 5 फीसदी बढ़ा, डिविडेंड का भी एलान

     

    comedy show banner
    comedy show banner