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    Budget 2024: सामाजिक सशक्तिकरण के नए प्रतिमान की आहट, बजट इनक्लुसिव और इनोवेटिव के साथ भविष्य के भारत की ओर इशारा करता है

    By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Fri, 02 Feb 2024 12:11 AM (IST)

    केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनोमिनस में समाजशास्त्र के प्राध्यापक डा. देवी दयाल गौतम ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बजट को विकसित भारत के लक्ष्य के साथ जोड़कर देखना इसे विशिष्ट बनाता है। मोदी सरकार का यह बजट इनक्लुसिव और इनोवेटिव होने के साथ भविष्य के भारत की ओर इशारा करता है।

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    सामाजिक सशक्तिकरण के नए प्रतिमान की आहट। (फोटो, जागरण)

    जेएनएन, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में मोदी सरकार का दूसरा अंतरिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान सरकार की दस साल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कई एलान किए।

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    केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर दिल्ली स्कूल ऑफ एकोनोमिनस में समाजशास्त्र के प्राध्यापक डा. देवी दयाल गौतम ने टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बजट को विकसित भारत के लक्ष्य के साथ जोड़कर देखना इसे विशिष्ट बनाता है। मोदी सरकार का यह बजट इनक्लुसिव और इनोवेटिव होने के साथ ही भविष्य के भारत की ओर इशारा भी करता है।

    न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिमान स्थापित करने की कोशिश

    सामाजिक ताने-बाने और पहचान की राजनीति के साथ प्रक्रियात्मक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार एक नया प्रतिमान स्थापित करने की कोशिश कर रही है। देश में सभी को संसाधन और संपत्ति में समुचित भागीदारी मिले, इसके लिए नई ऊध्र्वाधर पहचान पर लगातार काम हो रहा है, जिसका जिक्र इस बजट और इसके बाद के प्रधानमंत्री के भाषण में किया गया है। ये पहचान हैं युवा, महिला, गरीब और किसान।

    कमजोर तबके तक जनधन योजना के तहत अकाउंट खोले

    मोदी सरकार की सभी नीतियों, कार्यक्रमों और अभियानों के केंद्र में ये चारों समूह हैं जो समाज के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करते हैं। मोदी सरकार के पास आज इन चारों वर्गों में निहित तमाम उपवर्गों के लिए कोई न कोई योजना है। स्टार्टअप, स्टैंडअप से लेकर उज्जवला, प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि और प्रधानमंत्री अन्न योजना का प्रभावशाली क्रियान्वयन दर्शाता है कि कैसे समाज के सबसे कमजोर तबके तक जनधन योजना के तहत अकाउंट खोले गए और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सभी तक आवंटित राशि पहुंच रही है।

    34 लाख करोड़ रुपये अभी बांटे गये

    मोदी सरकार से पहले बिचौलिये ये पैसा खा जाते थे। अब ये रिसाव कम से कम होने लगा है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। 34 लाख करोड़ रुपये अभी बांटे गये और लगभग ढाई लाख करोड़ की बचत हुई।

    सरकार किसान और गरीब की चिंता कर रही

    चाहे लखपति दीदी की संख्या दो से तीन करोड़ करने की बात हो या स्टैंडअप पर टैक्स छूट हो या गरीबों को दो करोड़ नए घर देने की घोषणा हो या आयुष्मान योजना को आंगनवाड़ी और आशा वर्कर तक बढ़ाने की बात हो- ये सभी योजनाएं दर्शाती हैं कि कैसे महिला, युवा, किसान और गरीब की चिंता यह सरकार कर रही है।

    नए विकसित भारत में पहचान भी नई होगी

    जब प्रधानमंत्री मोदी 2047 के विकसित भारत की बात कह रहे हैं तो बार-बार ये भी इशारा कर रहे हैं कि नए विकसित भारत में पहचान भी नई होगी। इसमें सभी वर्गों का समावेश होगा। जिसको जितनी जरूरत होगी, उनको उतना सहयोग राज्य करेगा और आगे बढ़ने में मदद करेगा।

    सामाजिक सशक्तीकरण का पूरा विचार भी इसी सोच पर निर्भर करता है कि हम समाज के विभिन्न तबकों को इतना मजबूत कर दें कि एक समय के बाद उन्हें किसी प्रकार के सहारे की जरूरत न हो।

    (लेखक दिल्ली स्कूल आफ एकोनोमिनस में समाजशास्त्र के प्राध्यापक हैं)

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