यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर सरकार का बड़ा ऐलान, UPS के साथ भी मिलेगी ग्रेच्युटी; पढ़ें पूरी खबर
Unified Pension Scheme केंद्र सरकार ने कहा कि इंटीग्रेटेड पेंशन स्कीम के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारी अब केंद्रीय सिविल सेवा नियम 2021 के प्रावधानों के अनुसार रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी बेनेफिट के लिए पात्र होंगे। सरकार ने कहा कि यह फैसला रिटायरमेंट बेनेफिट में समानता लाता है और लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों (Government Pension Announcement) की एक महत्वपूर्ण मांग को पूरा करते हुए कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (unified Pension Scheme) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारी अब केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुसार, रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी बेनेफिट के लिए पात्र होंगे। सरकार ने कहा कि यह फैसला रिटायरमेंट बेनेफिट में समानता लाता है।
केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नया प्रावधान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
लंबे समय से थी इसकी मांग
सरकारी कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था, अब इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कदम सरकारी कर्मचारियों की एक महत्वपूर्ण मांग को पूरा करता है और सेवानिवृत्ति लाभों में समानता लाता है। उन्होंने कहा कि नया प्रावधान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत सभी श्रेणी के कर्मचारियों की सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "स्वतंत्रता के बाद पहली बार किसी सरकार ने नए नियम बनाने के बजाय अनावश्यक नियमों को खत्म करने में गर्व महसूस किया है।" उन्होंने 1,600 से अधिक पुराने प्रावधानों को निरस्त करने का हवाला दिया - जिनमें से कई औपनिवेशिक युग की विरासतें हैं।
केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच संवाद करने वाली संस्था नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि अगर सरकार ऐसा कह रही है तो हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन यूपीएस और ग्रेच्युटी दो अलग-अलग चीजे हैं और अलग-अलग नियमों से संचालित होती हैं। यूपीएस में जब इसे मिला दिया गया, तभी हमने अपना पक्ष रख दिया था। ये फैसला तभी हो गया था।
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