इंडोनेशिया में अमेरिकी कंपनियों को फ्री एंट्री, लेकिन आयात पर ट्रंप ने लगाया 19% टैरिफ; भारत पर क्या बोले?
US trade deal 1 अगस्त की अपनी डेडलाइन से पहले ट्रंप ने एक और डील की घोषणा की है। इस बार उन्होंने इंडोनेशिया के साथ ट्रेड डील (US Indonesia trade deal) की है। इंडोनेशिया अमेरिका से आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा लेकिन इंडोनेशिया से आयात पर अमेरिका में 19 प्रतिशत टैरिफ लागू होगा। ट्रंप ने भारत के साथ चल रही बातचीत को लेकर भी टिप्पणी की।

US trade deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ व्यापार समझौते (US Indonesia trade deal) की घोषणा की है। इसके साथ उन्होंने यह भी दावा किया है कि इंडोनेशिया की तर्ज पर ही भारत के साथ समझौते पर बात चल रही है। समझौते पर बातचीत के लिए भारत के वाणिज्य मंत्रालय की एक टीम इस समय वाशिंगटन में है।
क्या है इंडोनेशिया के साथ समझौता
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को इंडोनेशियाई बाजार तक पूरी पहुंच मिल गई है। अमेरिकी कंपनियों को वहां कोई टैरिफ नहीं देना होगा। दूसरी तरफ अमेरिका, इंडोनेशिया से आयात पर 19% टैरिफ (Trump tariff on Indonesia) लगाएगा। ट्रंप ने इस समझौते को ‘अब तक का सबसे बड़ा’ बताया और कहा कि भारत भी इसी तर्ज पर काम कर रहा है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को इंडोनेशिया पर 32% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।
यह घोषणा ट्रंप के उस बयान के दो हफ्ते बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अलग तरह का होगा जिसमें ‘बहुत कम टैरिफ’ होंगे। ट्रंप ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत अमेरिकी कंपनियों को अपने बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देगा, जिससे कम टैरिफ वाला समझौता होगा।
इंडोनेशिया के साथ 18 अरब डॉलर का व्यापार घाटा
अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझीदारों में इंडोनेशिया शामिल नहीं है। पिछले साल दोनों देशों के बीच 40 अरब डॉलर का ट्रेड हुआ था। इंडोनेशिया से अमेरिकी आयात में 4.8% की वृद्धि हुई, जबकि निर्यात 3.7% बढ़ा, जिससे अमेरिका को 18 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ। प्रमुख आयात में पाम ऑयल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जूते, टायर, रबर और सीफूड शामिल हैं।
ट्रंप ने यह भी बताया कि कनाडा, जापान और ब्राजील सहित दो दर्जन से अधिक देशों को नए टैरिफ वाले पत्र भेजे गए हैं। इनमें उन देशों पर लगाई गई दरें 20% से 50% के बीच हैं। तांबे पर अलग से 50% टैरिफ का प्रस्ताव है।
ट्रंप 1 अगस्त से लागू करना चाहते हैं नया टैरिफ
ट्रंप ने 2 अप्रैल को 57 देशों पर टैरिफ की अलग-अलग दरें लागू करने की घोषणा की थी। तब भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया था। लेकिन एक सप्ताह बाद ही ट्रंप ने इन पर अमल को 90 दिनों के लिए टाल दिया। वह अवधि 8 जुलाई को खत्म हो गई। अब उन्होंने कहा है कि जो देश अमेरिका के साथ डील नहीं करेंगे उन पर 1 अगस्त 2025 से टैरिफ की नई दरें लागू होंगी।
ट्रंप प्रशासन फार्मास्युटिकल उत्पादों पर भी टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार ट्रंप दवा आयात पर जल्दी ही कम टैरिफ से शुरुआत करना चाहते हैं। अगले वर्ष इन पर आयात शुल्क में बड़ी बढ़ोतरी की जाएगी।
भारत को सावधानी बरतने की जरूरत
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के अप्रोच को देखते हुए भारत को सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी देश के साथ डील पूरी होने से पहले ही ट्रंप इसकी घोषणा कर रहे हैं। वियतनाम के मामले में यह स्पष्ट दिखा। ट्रंप ने कहा कि 20% टैरिफ पर समझौता हुआ है लेकिन वियतनाम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ 11% टैरिफ पर सहमत हुए हैं। इस तरह की गलतबयानी से बचने के लिए भारत को साझा घोषणापत्र की बात रखनी चाहिए। मौखिक आश्वासन या सोशल मीडिया पर की गई घोषणा दस्तावेजी सबूत की जगह नहीं ले सकती।
ट्रंप का कहना है कि इंडोनेशियाई बाजार में अमेरिकी वस्तुओं पर जीरो टैरिफ लगेगा जबकि इंडोनेशिया से आयात पर अमेरिका 19% टैरिफ लगाएगा। श्रीवास्तव के अनुसार, अगर भारत भी इस तरह की व्यवस्था को स्वीकार करता है तो डेयरी और कृषि जैसे क्षेत्र अमेरिका से ड्यूटी फ्री आयात के कारण बुरी तरह प्रभावित होंगे। बिना पारस्परिक लाभ के भारत का टैरिफ हटाना डील न होने से भी अधिक बुरा होगा। इसलिए भारत को पारदर्शी तरीके से बात करनी चाहिए, एकतरफा ऐलान से बचना चाहिए और किसी दबाव में नहीं आना चाहिए।
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