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    ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की ट्रेडिंग सस्पेंड, 6 लाख निवेशकों के पैसे फंसे; अब आगे क्या होगा?

    Updated: Fri, 14 Jun 2024 12:25 PM (IST)

    एनएसई और बीएसई ने ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी है। डिजिटल मार्केटिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी में करीब 6 लाख निवेशकों के पैसे फंस गए हैं। ब्राइटकॉम ग्रुप ने अपने वित्तीय नतीजों में हेरफेर किया था। उसने अप खर्च को कम और मुनाफे को ज्यादा दिखाया और फर्जी तरीके से अपने शेयरों के भाव बढ़ाए। आइए जानते हैं कि अब निवेशकों का क्या होगा।

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    ब्राइटकॉम ग्रुप समय पर अपने तिमाही नतीजे जारी करने में नाकाम रहा।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। डिजिटल मार्केटिंग सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों की ट्रेडिंग बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों पर सस्पेंड कर दी गई। कंपनी जब तक एनएसई के मास्टर सर्कुलर का पूरा तरह पालन नहीं करती, यह सस्पेंशन बरकरार रहेगा। लेकिन, इससे ब्राइटकॉम ग्रुप के लाखों निवेशकों पैसे फंस गए हैं।

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    क्या है ब्राइटकॉम ग्रुप का मामला?

    ब्राइटकॉम ग्रुप पर अपने हिसाब-किताब में खेल करने का आरोप है। कैपिटल रेगुलेटर सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने 2014-15 से अगले 5 साल तक अपना खर्च कम और मुनाफा अधिक दिखाया। ब्राइटकॉम ग्रुप ने कुल 1,280 करोड़ रुपये की जानकारी छिपाई। इसी के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी आई, जो लगातार गिर रहे थे।

    सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप के सितंबर और दिसंबर तिमाही के नतीजों पर भी सवाल खड़ा किया है। सेबी के आदेश के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ब्राइटकॉम के शेयरों की ट्रेडिंग को 14 जून से सस्पेंड करने का फैसला किया था।

    ब्राइटकॉम ग्रुप को मिली थी मोहलत

    NSE और BSE ने ट्रेडिंग सस्पेंड करने से पहले 15 मई को ब्राइटकॉम ग्रुप को मोहलत भी दी थी कि वह अगले 1 महीने के भीतर अपनी पिछली तीन तिमाहियों के नतीजे जारी कर दे। ब्राइटकॉम ग्रुप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों एक्सचेंजों से कहा था कि उसे पूरा भरोसा है कि ट्रेडिंग सस्पेंड करने की नौबत नहीं आएगी और वह अपने वित्त वर्ष 2024 के सितंबर और दिसंबर तिमाही के नतीजों को 11 जून तक जारी कर देगी।

    लेकिन, 11 जून को ब्राइटकॉम ग्रुप ने सिर्फ सितंबर तिमाही और वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही के नतीजे जारी किए। उसने एक्सचेंजों को यह भी स्पष्ट नहीं किया कि दिसंबर तिमाही के नतीजे कब तक जारी किए जाएंगे। इससे एनएसई और बीएसई ने चेतावनी के मुताबिक ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की ट्रेडिंग सस्पेंड कर दी।

    अब निवेशकों का क्या होगा?

    अगर मार्च तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें, तो ब्राइटकॉम ग्रुप में 6.56 लाख शेयरहोल्डर थे। इनके पास अथरॉइज्ड शेयर कैपिटल 2 लाख रुपये या इससे कम थी। अब इन लोगों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया कि इनके पैसे वापस मिलेंगे भी या नहीं।

    ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयरों की ट्रेडिंग अगले 15 दिनों के लिए सस्पेंड ही रहेगी। उसके बाद ट्रेडिंग खुलेगी, लेकिन Z कैटेगरी में सिर्फ ट्रेड फॉर ट्रेड बेसिस पर। 'Z' कैटेगरी में वे स्टॉक होते हैं, जो एक्सचेंजों की लिस्टिंग शर्तों का पालन करने में नाकाम रहते हैं, निवेशकों की शिकायतों का निपटारा नहीं करते।

    ट्रेड-फॉर-ट्रेड कैटेगरी में सिर्फ डिलीवरी ट्रेड की इजाजत होती है, इंट्राडे ट्रेडिंग की नहीं। इस तरह के ट्रेडिंग की हर हफ्ते के सिर्फ पहले कारोबारी दिन इजाजत होगी। यह चीज अगले 6 महीने तक चलेगी। अगर आपको इस प्रक्रिया के तहत शेयर खरीदना है, तो आपके पास स्टॉक के 100 पर्सेंट डिलीवरी का पैसा होना चाहिए।

    ब्राइटकॉम ग्रुप में किसकी हिस्सेदारी?

    पिछले महीने की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्राइटकॉम ग्रुप के प्रमोटरों के पास 18.38 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं, 81.62 फीसदी स्टेक आम निवेशकों के पास था। इनमें 5.7 लाख रिटेल इनवेस्टर थे, जिन्होंने 37.89 फीसदी हिस्सेदारी होल्ड कर रखी थी। अमेरिका की दिग्गज इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी वैनगार्ड ग्रुप का भी इसमें स्टेक था। ब्राइटकॉम ग्रुप में दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा की 1.14 फीसदी और सुब्रतो साहा की 2.02 फीसदी हिस्सेदारी थी।

    ब्राइटकॉम ग्रुप की ट्रेडिंग सस्पेंड होने से पहले दो कारोबारी सत्रों यानी बुधवार और गुरुवार को लोअर सर्किट लगा था। इससे पता चलता है कि निवेशकों में कंपनी के भविष्य को लेकर किस डर था।

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