Salary Account से होते कई बड़े फायदे, बहुत कम लोगों को है पता
आज कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों का सैलरी अकाउंट खुलवाया जाता है। हालांकि कई लोग ऐसा करने से कतराते हैं। लेकिन सैलरी अकाउंट के कई फायदे है जो आपको सामान्य बैंक खाते में नहीं मिलते हैं। इन फायदों के बारे में कम ही लोगों को पता होता है। आज हम इन फायदों के बारे में बात करेंगे। ये फायदे बैंक के नियम पर भी निर्भर करता है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बैंक द्वारा कई तरह के अकाउंट या खाते ऑफर किए जाते हैं। इनमें करंट अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट, सेविंग अकाउंट इत्यादि शामिल हैं। आमतौर पर लोगों के पास सेविंग अकाउंट होते हैं। इसे आप सैलरी अकाउंट में बदल सकते हैं।
सैलरी अकाउंट के भी कई फायदे होते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। जिसकी वजह से लोग सैलरी अकाउंट रखने से घबराते हैं।
सैलरी अकाउंट के फायदे
ओवरड्राफ्ट
सैलरी अकाउंट के तहत लोगों को ओवरड्राफ्ट (Overdraft) का फायदा मिलता है। ओवरड्राफ्ट का अर्थ हुआ कि आप इमरजेंसी पर पड़ने पर अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं। फिर चाहे आपके खाते में पैसा हो या नहीं। इस लाभ के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है।
ओवरड्राफ्ट का लाभ लेने के बाद आपको इमरजेंसी पर उधार या क्रेडिट कार्ड का अधिक उपयोग भी नहीं करना पड़ेगा।
इंश्योरेंस कवरेज
कई बैंक सैलरी अकाउंट के साथ इंश्योरेंस कवरेज भी ऑफर करता है। अगर आप इसके तहत हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो आपको अचानक आए मेडिकल खर्चों की कोई टेंशन भी नहीं लेनी पड़ेगी।
हेल्थ इंश्योरेंस के भी कई फायदे होते हैं। आज के समय में मेडिकल खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच इंश्योरेंस ही काम आ सकता है। हालांकि इसके लिए आपको प्रीमियम लेना पड़ेगा। अगर आपकी सैलरी इतनी नहीं है तो सरकार द्वारा भी 5 लाख रुपये तक फ्री हेल्थ इंश्योरेंस कवर दिया जाता है। ये आयुष्मान योजना के जरिए मिलता है। हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए सैलरी निर्धारित की गई है।
NEFT और RTGS की फ्री सर्विस
कई बैंक सैलरी अकाउंट पर NEFT और RTGS जैसी सर्विस फ्री में ही ऑफर करते हैं। इसके इस्तेमाल के लिए आपको कोई भी चार्ज या शुल्क नहीं देना होगा।
कम ब्याज पर लोन
कई बैंक सैलरी अकाउंट होने पर लोन कम ब्याज पर ऑफर कर देता है। इसका कारण है कि व्यक्ति की सैलरी हर महीने खाते में आती है। जिसका मतलब है कि उनके पास स्थिर इनकम है। बैंक ऐसे ही लोगों को लोन देना पसंद करता है, जिसके पास स्थिर इनकम सोर्स हो। इसके साथ ही व्यक्ति ने पहले से अगर लोन लिया है, तो उसका ईएमआई सैलरी की तुलना में 35%-40% से ज्यादा ना हो।
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