अब तेजी दिखाएंगे Asian Paints समेत ये शेयर्स, ब्रोकरेज हाउस ने बदला नेगेटिव नजरिया, जानिए रिपोर्ट में क्या कहा
Paints Shares घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पेंट इंडस्ट्रीज में संभावित बदलाव का हवाला देते हुए प्रमुख पेंट कंपनियों एशियन पेंट्स लिमिटेड और बर्जर पेंट्स लिमिटेड को लेकर अपना नेगेटिव आउटलुक बदल दिया है। ब्रोकरेज फर्म ने पेंट कंपनियों के शेयरों की रेटिंग को Reduce से बदलकर Add कर दी है।

नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से डिमांड में कमी की मार से जूझ रही पेंट कंपनियों के लिए अच्छा समय आने वाला है। दरअसल, 4 साल के लंबे वक्त के बाद, घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने पेंट इंडस्ट्रीज में संभावित बदलाव का हवाला देते हुए, प्रमुख पेंट कंपनियों एशियन पेंट्स लिमिटेड और बर्जर पेंट्स लिमिटेड को लेकर अपना नेगेटिव आउटलुक वापस ले लिया है। ब्रोकरेज फर्म ने पेंट कंपनियों के शेयरों की रेटिंग को 'Reduce' से बदलकर 'Add' कर दी है। क्योंकि, ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि पेंट उद्योग में रेवेन्यू ग्रोथ वित्त वर्ष 25 में गिरावट के बाद वित्त वर्ष 26 में ठीक होने की संभावना है।
उधर, एशियन पेंट्स के खिलाफ प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने माना है कि एशियन पेंट्स ने बाजार में अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है और प्रतिस्पर्धियों को रोकने के लिए अनुचित दबाव डाला है।
Asian Paints Share पर नया टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज ने एशियन पेंट्स पर अपना टारगेट प्राइस 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,700 रुपये प्रति शेयर कर दिया, जबकि बर्जर पेंट्स पर टारगेट प्राइस 515 रुपये से बढ़ाकर 650 रुपये कर दिया है। ब्रोकरेज नोट में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने स्पष्ट किया कि उसने पेंट कंपनियों को 'Buy' कॉल के बजाय 'Add' रेटिंग क्यों दी। ब्रोकरेज ने कहा कि नए प्लेयर्स के आने से इस इंडस्ट्री का माहौल बदला है।
सुधरेंगे सेक्टर के हालात
बिरला ओपस, 3 साल में 10 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, JSW पेंट्स + अक्ज़ो नोबेल इंडिया संयुक्त रूप से - कंसाई नेरोलैक के साथ तीसरे स्थान पर रह सकते हैं। वित्त वर्ष 2025 में गिरावट के बाद पेंट उद्योग को वित्त वर्ष 2026 में राजस्व वृद्धि में सुधार देखने की उम्मीद है। इस मंदी की वजह प्रीमियम पेंट की कमज़ोर मांग और महानगरों और टियर-1 और टियर-2 शहरों में कम बिक्री है।
इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से कंपनियों की इनपुट कॉस्ट भी काफी बढ़ गई थी, इस वजह से उन्हें प्रॉफिट के फ्रंट पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, साथ ही इस सेक्टर में नई कंपनियों के आने से लीडशिप कंपनियों को बाजार में हिस्सेदारी कम होने का नुकसान भी देखना पड़ा।
हालांकि, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, "चूंकि अब इनमें से ज्यादातर मुद्दे पीछे छूट चुके हैं, इसलिए हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही से पेंट्स की वृद्धि में सुधार होगा।"
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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