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    विदेशी Lifebuoy से छिनेगा नंबर-1 का ताज! ये अरबपति देगा सीधी टक्कर; IT किंग का साबुन पर मेगा प्लान

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 01:30 PM (IST)

    दशकों से हिंदुस्तान यूनिलीवर का लाइफबॉय (Lifebuoy soap) साबुन बाजार में (No 1 Soap in India) अग्रणी रहा है। अब विप्रो कंज्यूमर केयर के संतूर ने इसे टक्कर देने की तैयारी कर ली है। संतूर जिसकी वैल्यू 2700 करोड़ रुपये से अधिक है लिक्विड हैंड वॉश और बॉडी वॉश में भी आगे बढ़ रहा है।

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    दशकों से, हिंदुस्तान यूनिलीवर का लाइफबॉय भारत के साबुन बाजार में एक जाना-माना नाम रहा है।

    नई दिल्ली। दशकों से, हिंदुस्तान यूनिलीवर का लाइफबॉय भारत के साबुन बाजार में एक जाना-माना नाम रहा है। लेकिन अब स्थिति बदल सकती है। अरबपति अजीम प्रेमजी की विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग के तहत इसे टक्कर देने के लिए संतूर नाम की साबुन ब्रांड को तेजी से बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

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    वह इस वैश्विक दिग्गज को पछाड़कर देश के कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले पर्सनल केयर सेगमेंट में सबसे ऊपर स्थान हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं।

    संतूर की ₹2,700 करोड़ की वैल्यू

    संतूर अब ₹2,700 करोड़ से ज्यादा के वैल्यू वाला ब्रांड बन गया है। जो अपने प्रमुख साबुन के अलावा लिक्विड हैंड वॉश, बॉडी वॉश और लोशन के क्षेत्र में भी लगातार विस्तार कर रहा है। विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग के सीईओ विनीत अग्रवाल के अनुसार, यह ब्रांड लाइफबॉय को पछाड़ने के कगार पर है।

    अग्रवाल ने पीटीआई को बताया, "हमें अभी नहीं पता कि हम नंबर 1 हैं या नहीं और लाइफबॉय का आकार क्या है, लेकिन कुछ समय बाद ही हम नंबर वन बनेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि संतूर कुछ साल पहले ही एचयूएल के लक्स को पीछे छोड़ चुका है और लाइफबॉय को पीछे करने की तैयारी में है।

    लाइफबॉय की मार्केट वैल्यू

    रिपोर्ट्स बताती हैं कि लाइफबॉय, जिसकी वैल्यू ₹2,000 करोड़ से ज्यादा है, हैंड वॉश जैसे क्लिनिंग सेगमेंट में मज़बूत पकड़ रखता है, लेकिन विप्रो एक साल के भीतर इस अंतर को पाटने के लिए संतूर की गति पर बड़ा दांव लगा रहा है।

    महंगाई के दबाव और कमजोर उपभोक्ता भावना जैसी चुनौतियों के बावजूद, विप्रो कंज्यूमर केयर ने वित्त वर्ष 2025 में 7.5% की बढ़ोतरी दर्ज की। कंपनी ने रणनीतिक अधिग्रहणों के ज़रिए अपने पोर्टफोलियो को मजबूत किया है, जिसमें चंद्रिका (2004), यार्डली (2009) और दक्षिण पूर्व एशिया में उंजा (2007) जैसे पुराने ब्रांड शामिल हैं। WIPRO के तहत इन सभी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

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